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‘फ्रंटीस पीस ऑफ सांकवाळ’ द्वारा भारी यत्रों के माध्यम से अनधिकृत निर्माणकार्य पुन: प्रारंभ
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पुरातत्व विभाग द्वारा इसे अवैध निर्माणकार्य घोषित करने के पश्चात भी ४ माह बीतने के पर भी कोई कार्यवाही नहीं
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चर्च संस्था के समक्ष पुरातत्व विभाग लाचार
वास्को – शंखवाळ (सांकवाळ) में ‘फ्रंटीस पीस ऑफ सांकवाळ’ (पुरातन श्री विजयादुर्गादेवी का मंदिर का स्थान) इस विरासत की भूमि पर कुछ दिनों से ‘जेसीबी’ आदि भारी यंत्रों की सहायता से अनधिकृत निर्माणकार्य प्रारंभ हो गया है । यह काम दिन-रात शुरू है । गोवा सरकार के पुरातत्व विभाग और मुरगांव नियोजन एवं विकास प्राधिकरण ने १७ नवंबर २०२३ को ‘फ्रंटीस पीस ऑफ सांकवाळ’ के स्थान पर किए संयुक्त सर्वेक्षण में वहां के अनेक अवैध कामों पर प्रकाश डाला था । १२ सितंबर २०२४ को दक्षिण गोवा के जिलाधिकारी, दक्षिण गोवा के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर ‘फ्रंटीस पीस ऑफ सांकवाळ’ के स्थान के अवैध निर्माणकार्य पर कार्रवाही करने की सूचना की थी; मात्र अब तक दक्षिण गोवा के प्रशासन अथवा पुुलिस ने यहां के अनधिकृत निर्माणकार्य पर कोई भी कार्रवाही नहीं की । विरासत के स्थल पर इस बार ७ से १६ जनवरी तक अवैधरूप से फेस्ट अर्थात मेले का आयोजन किया जानेवाला है । इसलिए दिनरात अवैध निर्माणकार्य जोर-शोर से शुरू है । विरासत स्थल पर पहले के अवैध निर्माणकार्य पर कोई कार्रवाही तो की नहीं, इसके विपरीत वहां नया अवैध निर्माणकार्य किया जा रहा है । इससे श्री विजयादुर्गादेवी के भक्तगणों में तीव्र असंतोष है ।
गोवा सरकार के पुरातत्व विभाग और मुरगाव नियोजन एवं विकास प्राधिकरण ने १७ नवंबर २०२३ को ‘फ्रंटीस पीस ऑफ सांकवाळ’ के स्थान पर किए हुए संयुक्त सर्वेक्षण में आगे दी गई महत्त्वपूर्ण बातें सामने आईं थीं ।
१. ‘फ्रंटीस पीस ऑफ सांकवाळ’ इस विरासत स्थल के निकट एक क्रेन (नोंदणी क्रमांक जीए ०६, एफ् २००१) मंडप का खंबा गाडने के लिए खुदाई कर रही थी और विरासत स्थल के निकट एक ट्रक (नोंदणी क्रमांक जीए ०८ यु ६००८) खडा किया था । इसे पुरातत्त्व विभाग ने सहमति नहीं दी थी ।
२. विरासत स्थल पर मंडप खडा किया गया था और विरासत स्थल के प्रवेशद्वार पर लोहे के १८ ‘फ्लेग पोस्ट’, ७ छोटे लोहे के क्रॉस और एक बडा लोहे का क्रॉस लगाया गया था ।
३. विरासत स्थल से १५ मीटर की दूरी पर एक निर्माणकार्य दिखाई दे रहा है और वह निर्माणकार्य मूल सर्वे प्लान में अस्तित्व में नहीं है ।
४. विरासत स्थल पर ‘सर्वे प्लॉन’में विद्यमान कुआं अब नहीं दिखाई दे रहा है ।
५. विरासत स्थल पर पानी की टंकी बिठा दी गई है, इसके साथ ही सुरक्षारक्षकों के लिए कक्ष और चैपल के (छोटे चर्च के) स्थान पर प्रवेशद्वार बना दिया गया है ।
सर्वेक्षण में उल्लेख किए अनुसार उपरोक्त सर्व काम आगे दिए गए सरकारी नियमों का उल्लंघन कर किए गए हैं ।
१. गोवा (भूमि विकास और इमारत निर्माणकार्य नियमन) कानून २००८ और गोवा भूमि विकास और इमारत निर्माणकार्य नियमन कानून २०१०
२. गोवा पुरातन वास्तु और पुरातत्व स्थल कानून १९७८ और नियम १९८०
३. गोवा, दमन एवं दीव रेवन्यू कोड १९६८
४. गोवा पंचायत राज कानून १९९४
५. सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, १९८४ की धारा ३
पुर्तगालियों द्वारा उद्ध्वस्त किए गए मंदिरों के संवर्धन हेतु सरकार के प्रयत्नों पर श्री विजयादुर्गादेवी के भक्तों द्वारा उपस्थित किए जा रहे हैं प्रश्नचिन्ह !
गोवा सरकार ने पुर्तगालियों द्वारा उद्ध्वस्त किए गए मंदिरों के संवर्धन के लिए अर्थसंकल्पीय प्रावधान किया है और इसके लिए विशेष समिति भी नियुक्त की है; परंतु प्रशासन शंखवाळ (सांकवाळ) में ‘फ्रंटीस पीस ऑफ सांकवाळ’ (पुरातन श्री विजयादुर्गादेवी के मंदिर का स्थान) इस विरासत स्थल के संवर्धन के लिए कोई भी कदम उठाए न जाने से श्री विजयादुर्गादेवी के भक्तों में तीव्र असंतोष है । सरकार को शीघ्रता से कदम उठाकर विरासत स्थल का संवर्धन करने की मांग जोर पकड रही है ।
स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात