कोल्हापुर – शाहूवाडी तालुका के विशाळगड में १२ जनवरी को होनेवाले उरुस को प्रशासन ने अनुमति नहीं दी, ऐसा समाचार दैनिक पुढारी ने दिया है । इसके साथ ही कुछ वृत्तवाहिनियों पर भी दिखाया गया है । इस संदर्भ में वास्तविक जानकारी मिलने के लिए शाहूवाडी में तहसीलदार रामलिंग चव्हाण को दूरभाष किया; परंतु उन्होंने उसे उठाया नहीं । इसकारण इस वृत की पुष्टि नहीं हो पाई ।
गत ६ महीनों से बंद विशाळगड ५ जनवरी से प्रशासन द्वारा कुछ शर्तों पर खोल दिया गया है । अब यदि कोई भी कार्यक्रम करना हो तो प्रशासन की अनुमति लेकर ही करना होगा, ऐसा भी उस आदेश में उल्लेख है । विशाळगड में अतिक्रमण के विषय में विशाळगड रक्षा और अतिक्रमणविरोधी कृति समिति, इसके साथ ही हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन लड रहे हैं । उन्होंने प्रशासन से मांग की थी कि पूर्ण अतिक्रमण हटाने के पश्चात ही गड खोला जाए ।
धन्यवाद @NiteshNRane ji 🙏🏽🧡
विशाळगडावर उरूस करायला बंदी घातली ✅
अहं विशाळगड आमचा होता आमचा आहे आणि आमचाचं राहणार 🔥💪🏻🚩#vishalgadh #kolhapur #MaharashtraPolitics pic.twitter.com/F9wpkodd20
— Sachin ( Modi Ka Parivar ) (@SM_8009) January 11, 2025
सांगली में हिन्दू गर्जना सभा में की गई मांगों को मिली सफलता ! – नितीन शिंदे
इस संदर्भ में हिन्दू एकता आंदोलन के प्रदेशाध्यक्ष श्री. नितीन शिंदे बोले, ‘‘१० जनवरी को सांगली में हुई हिन्दू गर्जना सभा में हमने मंत्री श्री. नितेश राणे के सामने विशाळगड में वर्तमान स्थिति को प्रस्तुत कर किसी भी परिस्थिति में विशाळगड पर उरूस की अनुमति न दी जाए, ऐसी सार्वजनिक मांग की थी । तब मंत्री श्री. नितेश राणे ने सभा में ही कहा था, ‘‘किसी भी परिस्थिति में वहां उरूस नहीं होने देंगे । यदि आवश्यकता पडी तो छत्रपति शिवाजी महाराजजी का एक मावळा (सैनिक) बनकर हम वहां खडे हो जाएंगे !’ इसलिए ऐसा कहना होगा कि सांगली में हिन्दू गर्जना सभा में की गई मांग सफल हुई ।’’