प्रयागराज : नास्तिकतावादी धर्मनिरपेक्षतावादी लोग कुंभपर्व मेंअ आकर करोडों हिन्दू श्रद्धालुओं की श्रद्धा का अनादर कर रहे हैं । वे देवताओं का अनादर कर रहे हैं । जहां करोडों श्रद्धालु अमृतस्नान के लिए आते हैं, वहां आकर नास्तिकतावादी हिन्दुविरोधी प्रचार का साहस कैसे दिखाते हैं ? यह कोई षड्यंत्र तो नहीं है ? क्या इसमें कुंभपर्व में आकर शोर मचाने का उनका नियोजन है ? कुंभपर्व प्रशासन को इसमें ध्यान देना आवश्यक है । यहां उन्हें स्थान नहीं दिया जाना चाहिए । नागा साधुओं ने उनकी पद्धति के अनुसार इन नास्तिकतावादियों का विरोध किया है; परंतु संतों पर इस प्रकार से विरोध करने की स्थिति ही न आए, इसके लिए प्रशासन इस पर कार्यवाही करे, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ इन राज्यों के संगठक श्री. सुनील घनवट ने की ।
#MahaKumbh2025
🚩 क्या कुंभ मेला पाखंड है?
'महाकुंभ पाखंड है' जैसे अपप्रचार करने वाले विधर्मियों के खिलाफ का हिन्दू जनजागृति समिति ने कड़ा विरोध जताया है !✊ प्रशासन से मांग :
इस गंभीर मामले की जांच की जाए और विधर्मियों को कुंभ मेले में प्रवेश की अनुमति न दी जाए ! pic.twitter.com/PZWHsnnXSe— HinduJagrutiOrg (@HinduJagrutiOrg) January 17, 2025
वर्तमान में तीर्थराज प्रयागराज में चल रहे महाकुंभपर्व में १६ जनवरी को नास्तिकतावादी लोग कुंभपर्व अंधविश्वास होने का प्रचार कर रहे थे । यह ध्यान में आते ही नागा साधुओं ने नास्तिकतावादियों को पीटा । इस पर प्रतिक्रिया देते हुए श्री. सुनील घनवट ऐसा बोल रहे थे ।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘महाकुंभपर्व करोडों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है । ऐसा होते हुए भी कोई यहां आकर हिन्दू धर्म के विरुद्ध बोल रहा है । ये लोग कुंभपर्व को अंधविश्वास बोल रहे हैं । ऐसा कहे जाने पर यहां के नागा साधुओं तथा अन्य संतों ने उनकी पद्धति के अनुसार उसका विरोध किया है । प्रश्न यह ह कि यह कुंभपर्व करोडों श्रद्धालुओं का होते हुए भी कोई यहां आकर कुंभपर्व अंधविश्वास है, ऐसे कैसे बोल सकता है ? बकरी ईद के दिन वहां जाकर कोई ऐसा नहीं बोलता कि बकरी ईद अंधविश्वास है । क्रिसमस के दिन मोमबत्तियां जलाने पर ‘यह अंधविश्वास है’, ऐसा कोई नहीं बोलता; परंतु कुंभपर्व में आकर हिन्दू धर्म के विरुद्ध विषवमन किया जाता है ।’