महाकुंभनगरी में साध्वी ऋतंभराजी ने प्रज्वलित किया क्षात्रतेज !
प्रयागराज – साध्वी ऋतुंभराजी ने विश्व हिन्दू परिषद के मंडप में बोलते हुए कहा ‘महाकुंभ मेले में अनेक संप्रदाय हैं । कोई महाप्रसाद बांट रहे हैं, कोई सामग्री बांट रहे हैं, कोई प्रवचन-कथा द्वारा ज्ञानामृत पिला रहे हैं । यह सभी आवश्यक है; परंतु वर्तमान में हिन्दू समाज को शौर्य बांटना, आवश्यक है । शौर्य हेतु धैर्य आवश्यक होता है । यदि शौर्य-धैर्य होगा, तो अनुकूलता में एवं प्रतिकूलता में भी स्थिर रह सकते हैं । यही शौर्य एवं लक्ष्य केंद्रीत कर प्रयास करने से श्रीराममंदिर पूर्ण हुआ । महिलाओं, लडकियों में श्री दुर्गादेवी का तत्त्व है । इस कारण श्रीराममंदिर के उपरांत अब भारत के प्रत्येक गांव में भगवा ध्वज फहराने का संकल्प करें ।
महाकुंभनगरी में सेक्टर १८ स्थित विश्व हिन्दू परिषद के मंडप (पंडाल) में ‘दुर्गावाहिनी’ के मिरत एवं लखनऊ की शाखाओं की शक्ति समागम कार्यक्रम में वे ऐसा बोल रही थीं । इस समय व्यासपीठ पर दुर्गावाहिनी के पदाधिकारी उपस्थित थे । साध्वी ऋतंभराजी का इस समय सम्मान किया गया । उसी प्रकार एथीलेट पद्मश्री सुधा सिंहजी का भी दुर्गावाहिनी की ओर से सम्मान किया गया । सुधा सिंहजी ने अपना मनोगत व्यक्त किया ।
साध्वी ऋतंभराजी ने अपने मार्गदर्शन में आगे कहा ‘महिलाएं और लडकियां किए संकल्प की ध्येय पूर्ति के विषय में अपने मन में कोई संदेह न लाएं । ‘सौगंध मिट्टी की खाते हैं मंदिर वही बनाएंगे ।’ ऐसी घोषणा कर श्रीराममंदिर का निर्माण, जो कठिन लग रहा था, साध्य हुआ । श्रीरामजी ने वह कार्य हमें निमित्त बनाकर साध्य करवा लिया । उसकी वर्षपूर्ति है । महिलाओं में शक्ति होती है । वे कोई भी परिस्थिति को अनुकूल कर सकती हैं । साधु-संत एवं अवतारों को जन्म देनेवाली महिलाएं ही हैं । शास्त्र, धर्मग्रंथों का निर्माण करनेवाले जीवों की रचना महिलाओं ने ही की हैं । स्त्री को अपने आचरण के कारण ही प्रतिष्ठा प्राप्त होती है । वही स्त्री अब पतित हो रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है । दुर्गावाहिनी की लडकियों-महिलाओं ने, तंग वस्त्र पहनेवाली लडकियों-महिलाओं का प्रबोधन कर उन्हें भान करवाना होगा ।