फाल्गुन कृष्ण पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११५
हिंदुओ, केवल हिंदुत्ववादी शिवसेना ही ऐसे उपक्रम कार्यान्वित करती है, यह ध्यानमें रखें !
शिवसेनाके कार्यकर्ताओंका सत्कार करते श्री. जीतेंद्र हजारे
मातृ-पितृ पूजन करते छोटे बच्चे
नालासोपारा (ठाणे, महाराष्ट्र), २० फरवरी (वार्ता.) – पाश्चात्त्य संस्कृतिको प्रोत्साहन देनेवाले `वेलेंटाईन डे’की अपेक्षा भारतीय संस्कृतिका संवर्धन करनेमें सहायक सिद्ध होगा ऐसा ‘मातृ-पितृ दिवस’ मनाकर नालासोपारा शहर (पूर्व) की शिवसेना शाखा क्र. ५, वॉर्ड क्र. ५० द्वारा सबके सामने नया आदर्श रखा गया है । वेलेंटाईन डेके एक दिन पूर्व दैनिक सनातन प्रभातमें, `वेलेंटाईन डे’की अपेक्षा ‘मातृ-पितृ दिवस’ मनाएं, ऐसा आवाहन किया गया था । यह वृत्त पढकर प्रेरित हुए शाखाप्रमुख श्री. जीतेंद्र हजारेद्वारा यह स्तुत्य उपक्रम कार्यान्वित किया गया । (संस्कृति संवर्धन हेतु प्रयास करनेवाले श्री. जीतेंद्र हजारेका अभिनंदन ! सर्वत्र ऐसे धर्माभिमानी होने आवश्यक हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
श्री साईदत्त सेवा मंदिर ट्रस्ट, संयुक्तनगर नालासोपारा (पूर्व) में आयोजित कार्यक्रममें ५ से २५ वर्षके लडकोंने माता-पिताकी पाद्यपूजा कर उनके आशीर्वाद लिए । इस अवसरपर शिवसेना ठाणे (ग्रामीण) के नगरसेवक श्री. शिरीषदादा चव्हाण, सहायक पुलिस आयुक्त श्री. आर.एन. कोरी, श्री. विजय कळंगुटकर, श्री. बाळू भाबुर्डे आदि शिवसेना कार्यकर्ता उपस्थित थे । पुष्पगुच्छ तथा शाल देकर कार्यक्रममें उपस्थित महिला पुलिस अधिकारियोंका भी सम्मान किया गया ।
इस अवसरपर शाखाप्रमुख श्री. हजारेने उपस्थित व्यक्तियोंको संबोधित करते हुए कहा, `वेलेंटाईन डे’, यह दिन पाश्चात्त्य संस्कृतिका है । हम वह दिन अति उत्साह तथा आनंदसे मनाते है; किंतु ऐसा न कर अब वह दिन हम ‘मातृ-पितृ दिवस’ के रूपमें मनाएंगे । हिंदुहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बाळासाहेब ठाकरे पाश्चात्त्य संस्कृतिका पूर्वसे ही विरोध करते आए हैं, तथा सभी शिवसैनिक भी यह पाश्चात्त्य संस्कृति पद्धति निरस्त करनेका प्रयास करते हैं । पाश्चात्त्य संस्कृति सीमापार जानी ही चाहिए । उसी हेतु ‘मातृ-पितृ दिवस’ आयोजित किया गया है ।
क्षणचित्र :
१. `वेलेंटाईन डेसे दूर रहो, भारतीय संस्कृतिका जतन करो’, ऐसा आवाहन करनेवाले फलक लगाए गए थे ।
२. छत्रपति शिवाजी महाराजकी प्रतिमाका पूजन कर कार्यक्रम प्रारंभ किया गया ।
३. शाखाप्रमुख श्री. जीतेंद्र हजारे नियमित रूपसे दैनिक सनातन प्रभातका वाचन करते हैं ।
४. कार्यक्रमस्थलपर लगाए गए फलकपर माता-पिताका आशीर्वाद लेनेवाले युवकका चित्र सभीको आकर्षित कर रहा
था । तथा इस फलकपर लगा अंधे माता-पिताको कांवरसे ले जानेवाले श्रवणकुमारका बालचित्र भी सभीका ध्यान आकर्षित कर रहा था ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात