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हिंदुद्रोही कांग्रेस सरकारद्वारा पू. आसारामबापूजीका विरोध करनेकी पोल खुल गई !

फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वितिया/तृतीया, कलियुग वर्ष ५११५

मतोंकी चापलूसीके लिए अल्पसंख्यकोंका अनुनय करनेवाले भारतके राजनेता इस जानकारीकी ओर दुर्लक्ष करनेवाले हैं । इसीलिए हिंदुओंके संतोंका सन्मान पुनः प्राप्त कराने हेतु ‘हिंदु राष्ट्र’ स्थापित करना अनिवार्य है !

हिंदुओंका धर्मपरिवर्तन रोकनेके कारण ही पूज्यपाद संत श्री आसारामजीबापूजीके विरोधमें षडयंत्र ! 

– महामंडलेश्वर स्वात्मबोधानंद महाराज


हिंदु संतोंके अनादरके विरोधमें कानून करनेकी संत संमेलनमें मांग

नासिक (महाराष्ट्र) : २७ फरवरीको यहांके गंगापुर रस्ताके पूज्यपाद संत श्री आसारामबापू आश्रममें महाशिवरात्रिके निमित्त धर्म रक्षा मंच एवं योग वेदांत सेवा समितिद्वारा संत संम्मेलनका आयोजन किया गया था । इस अवसरपर बोलते हुए महामंडलेश्वर स्वात्मबोधानंद महाराजने कठोर रूपसे प्रतिपादित किया कि पूज्यपाद श्री आसारामबापूजीने लाखों हिंदुओंका धर्मपरिवर्तन रोककर उन्हें पुनः हिंदुधर्ममें परिवर्तित करनेका कार्य किया । इसीलिए उनके विरोधमें षडयंत्र रचाकर उन्हें समाप्त करनेका प्रयास किया जा रहा है ।

विश्वमें भारतकी पहचान ‘साधु-संतोंका देश’ इस रूपमें है । भारतमें आज विदेशी शक्तिकी सहायतासे जानबूझकर हिंदु संतोंको ही अपकीर्त किया जा रहा है । यहां पूरे देशसे आए विविध पंथोंके साधुसंतोंद्वारा इसे रोकने हेतु एवं संतोंके अनादरके विरोधमें तथा सन्मानकी रक्षाके लिए महाशिवरात्रिके निमित्त विशेष कानून बनाया जानेकी एकमतसे मांग की गई । (मतोंके लालचके कारण अंधे बने वर्तमान समयके राजनेताओंद्वारा यह मांगें स्वीकार होनेके लिए हिंदुओंको अपनी शक्ति ‘व्होट बँक’के माध्यमसे ही दर्शानी चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

महामंडलेश्वर स्वात्मबोधानंद महाराजके शुभहाथों दीपप्रज्वलन होकर संम्मेलनका आरंभ हुआ । इस अवसरपर दूरचित्रवाणीपर महाभारत, जय श्री कृष्ण, वीर शिवाजी मालिकामें क्रमशः अर्जुन, कृष्ण एवं शिवाजीका अभिनय करनेवाले कलाकारोंने भी प.पू. आसारामबापूजीकी मुक्तिकी मांग की ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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