हिन्दू जनजागृति समिति का ‘आदर्श गणेशोत्सव’ अभियान !
मुंबई : हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा मुंबई की महापौर श्रीमती स्नेहल आंबेकर को निवेदन दिए जाने पर उन्होंने समिति के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि श्री गणेशमूर्तियोंके विसर्जन के अवसर पर धर्महानि एवं श्री गणेशमूर्तियों की विडंबना नहीं होगी।
इस अवसर पर समिति के कार्यकर्ताओंने महापौर श्रीमती आंबेकर से कहा कि, गंदा पानी एवं घने कूडे के कारण भारी मात्रा में प्रदूषण एवं पर्यावरण का क्षय होता है; परंतु उसकी ओर दुर्लक्ष कर वर्ष में एक ही बार आनेवाले गणेशोत्सव में तथाकथित प्रदूषण का सूत्र बता कर उसके लिए कृत्रिम तालाब अथवा श्री गणेशमूर्तिदान इत्यादि त्रुटिपूर्ण धारणाएं चलाई जाती हैं, यह सर्वथा अनुचित है। इस से श्री गणेशमूर्तियोंकी विडंबना होती है। इसिलिए इसे रोकना चाहिए।
समितिद्वारा दिए गए निवेदन में लिखा है कि …
१. मुंबई महापालिकाद्वारा प्रस्ताव पारित कर कृत्रिम तालाब में श्री गणेश जी की मूर्ति विसर्जित करने पर उन मूर्तियोंके अवशेषोंका विसर्जन पुन: समुद्र में न कर मुंबई के निरर्थक कुओं अथवा मुंबई के समीप के परिसर में निरुपयोगी तालाब तथा खान के कारण उत्पन्न बडे आकार के गड्ढों समान स्थानपर करने का नियोजन किया गया है।
२. चेंबुर में कृत्रिम हौज में विसर्जित मूर्तियोंके हाथपांव तोडकर उन्हें ओखली में कूटकर मिट्टी बाग में डाल दी जाती है।
३. उपरोक्त धर्महानि होनेवाली घटनाओंके छायाचित्र, दैनिक समाचार पत्रोंकी कतरनें एवं सूचना अधिकार से प्राप्त जानकारी आदि प्रमाणोंके साथ महापौर को यह निवेदन दिया गया।
४. इस गंभीर स्थिती की जानकारी ज्ञात होने पर महापौर ने इस पर ध्यान केंद्रित किया एवं ऐसा आश्वासन दिया कि महानगरपालिका इसका हल ढूंढेगी। इस असवर पर समिति के समन्वयक श्री.शिवाजी वटकर, मुंबई के प्रवक्ता वैद्य श्री. उदय धुरी, सदस्य श्री. सतीश सोनार एवं पत्रकार श्री. मारुति मोरे उपस्थित थे।
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पढीयें –
कृत्रिम कुंड में श्री गणेशमुर्ति का विसर्जन करने के संदर्भ में –
हिन्दू विधीज्ञ परिषद की ओर से मुंबई के महापौर को पत्रद्वारा विनती
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स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात