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गणपति विसर्जन के उपरांत आस्था का हो रहा है अनादर !

  • प्लास्टर आॅफ पॅरिस से बने मूर्तीयोंका दुष्परिणाम जानें !

  • विसर्जन के उपरांत भगवान गणेश का अनादर न हो इस हेतु गणेशमूर्ती मिट्टी की ही बिठाएं तथा उसका विसर्जन बहते पानी में ही करें ! – सम्पादक, हिन्दूजागृति

 

भोपाल – लगभग एक महीने से गणेशोत्सव के दौरान पर्यावरण की रक्षा का गाना गा रहे प्रशासन और अन्य लोगों के दावे की पोल खुल गई है। शहर में शाहपुरा तालाब, पांच नंबर तालाब सहित कई ऐसी जगह हैं, जहां प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियों का विसर्जन हुआ। इन मूर्तियों के आसपास पसरी भयानक गंदगी ने स्वच्छता के साथ-साथ लोगों की आस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। विसर्जन के बाद बप्पा की मूर्तियां कीचड़, सीवेज और कचरे के बीच पड़ी मिलीं।

भगवान गणपति के विराजने से पहले ही प्रशासन और कई पर्यावरणविद् मिट्टी की मूर्ति को स्थापित करने का प्रचार कर रहे थे, लेकिन इस बार भी लोगों ने किसी की नहीं सुनी। शहर में बड़ी संख्या में छोटी-छोटी प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां बिठाई गई थीं। इन मूर्तियों के विसर्जन के लिए शहर में जगह-जगह विसर्जन कुंड भी बनाए गए थे, लेेकिन लोगों ने विसर्जन कुंड के साथ-साथ इसके पास बेतरतीब तरीके से मूर्तियां और पूजन सामग्री डाल दी। पूरा विसर्जन स्थल गंदगी से पटा हुआ था और इसी गंदगी में गणपति बप्पा की टूटी-फूटी और कुछ साबुत मूर्तियां पड़ी थीं। इससे इलाके तो गंदे हो ही रहे हैं, गंदगी के बीच पड़ी मूर्तियां होने से भगवान का भी अपमान हो रहा है।

प्रेमपुरा घाट पर भी नगर निगम ने तालाब में पूजन सामग्री डालने पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन यहां भी लोगों ने एक नहीं सुनी। तालाब पूजन सामग्री से पटा हुआ है और निगम को सफाई के लिए मशीनें लगानी पड़ीं।

स्त्रोत : दैनिक भास्कर

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