हिन्दू धर्म में पटाखे जलाने का कोई आधार नहीं है; यह विदेशी प्रथा है ! पटाखोंके कारण बडी मात्रा में वायु एवं ध्वनि प्रदूषण होता है तथा समाज के स्वास्थ्य तथा पर्यावरण को हानि पहुंचती है। केवल दीपावली के अवसर पर भारत में लगभग ४ हजार करोड रुपयोंके पटाखे जलाए जाते हैं !
जलगांव (महाराष्ट्र) : पटाखोंके आच्छादन पर देवी-देवता एवं राष्ट्रपुरुषोंके छायाचित्र मुद्रित करने से हो रही उनकी विडंबना रोकने हेतु हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा इ.स. २००५ से वैधानिक मार्ग से जनजागृति अभियान चलाया जा रहा है।
इस आंदोलन के अंतर्गत हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा श्री लक्ष्मी, श्रीकृष्ण, श्रीविष्णु इत्यादि देवी-देवता तथा राष्ट्रपुरुषोंके छायाचित्रवाले पटाखोंकी निर्मिती एवं विक्रय रोकने के विषय में कार्यवाही करने की मांग करने हेतु निवासी जिलाधिकारी श्री. राहुल मुंडके को निवेदन दिया गया। इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के सर्वश्री प्रणव नागणे, श्रेयस पिसोळकर, आशीष गांगवे, शशि सूर्यवंशी, निखिल लोंकलकर, रवि चौहान एवं सनातन संस्था के श्री. प्रीतम पाटिल उपस्थित थे।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात