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पटाखोंके माध्यम से होनेवाला देवी-देवताओंका अनादर रोकना शासन का दायित्व है ! – श्री. गोपी किशन, शिवसेना

हिन्दू जनजागृति समिति का अभियान – पटाखोंके माध्यम से होनेवाला देवी-देवताओंका अनादर रोकें !

इंदौर (तेलंगाना) में हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा पत्रकार परिषद का आयोजन

पत्रकार परिषद में बार्इं ओर से डॉ. विशाल, श्री. संजय पुरोहित, श्री. कोंडा अशन्न, श्री. नेला तुकाराम, श्री. गोपी किशन, अधिवक्ता श्री. शरद चंद्रा

निजामाबाद (तेलंगाना) : यहां के शिवसेना के जिलाप्रमुख श्री.गोपी किशन ने ऐसा सनसनीपूर्ण प्रतिपादन किया कि देवी-देवताओंके छायाचित्रवाले पटाखें जलाने से उस माध्यम से देवी-देवताओंका अपमान होता है। इस विषय में निवेदन दिए जाने पर भी शासन कोई कार्यवाही नहीं करता।

इसलिए शासन हम हिन्दुत्वनिष्ठोंको इस अनादर को रोकने के लिए प्रेरित कर रहा है !

डेनमार्क में महम्मद पैगंबर के अपमान के विरुद्ध केंद्रशासन समर्थन करता है; परंतु इस देश में देवी-देवताओंका अनादर करने पर केंद्रशासन मौन रहता है। ऐसा नहीं चलेगा। शासन को यह ध्यान में लेना चाहिए कि पटाखोंके माध्यम से होनेवाला देवी-देवताओंका अनादर रोकना शासन का दायित्व है।

इंदौर नगर में हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा ३ नवंबर को आयोजित पत्रकार परिषद में वे बोल रहे थे।

इस अवसर पर तेलंगाना विकास प्राधिकरण के राज्य अध्यक्ष श्री. कोंडा अशन्न, मानसोपचारतज्ञ डॉ. विशाल, श्रीराम सेना के इंदौर जिलाप्रमुख श्री. संजय पुरोहित, अधिवक्ता श्री. शरद चंद्रा एवं हिन्दू जनजागृति समिति के समन्वयक श्री. नेला तुकाराम इत्यादि हिन्दुत्वनिष्ठ उपस्थित थे।

पटाखोंके कारण ही नदी एवं पर्यावरण में प्रदूषण बढता है ! – श्री. कोंडा अशन्न

पटाखें जलाने से वातावरण में बहुत गरमी बढती है। साथ ही पटाखोंकी निर्मिति के समय जो गंदा पानी उत्पन्न होता है, वह भी नदी में छोडा जाता है। इस कारण से भी प्रदूषण उत्पन्न हो रहा है। इसलिए एवं शास्त्रज्ञोंके कथनानुसार आनेवाली कुछ कालावधि में इसीके कारण बहुत लोगोंकी मृत्यु होने की संभावना है। (पटाखोंकी निर्मिति के समय होनेवाला यह प्रदूषण ध्यान में लेकर क्या केंद्र एवं राज्य शासन इस पर प्रतिबंध लगाएगा ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

पटाखोंके माध्यम से होनेवाला देवी-देवताओंका अपमान रोकना धर्मरक्षा ही है ! – श्री. नेला तुकाराम

हम श्री लक्ष्मीदेवी की पूजा करते हैं। उसी देवी के छायाचित्रवाले पटाखें जला कर हम उसका अपमान करते हैं। तत्पश्चात उसी छायाचित्र की धज्जियां होने से हम उस पर पांव भी रखते हैं एवं अपमान करते हैं, जिससे सभी देवी-देवताओंका अपमान होता है। इस प्रकार से होनेवाले अनादर में पटाखोंकी निर्मिति करनेवाले, वितरक एवं हम नागरिक समिल्लित होकर एक प्रकार से पाप ही कर रहे हैं। अतः वर्तमान में देवी-देवताओंका अपमान रोकना धर्मरक्षा ही है।

इस संबंध में हिन्दू जनजागृति समिति हस्तपत्रक, फ्लेक्स फलक तथा दृकश्राव्य चक्रिका के माध्यम से समाज में जागृति उत्पन्न करने का प्रयास कर रही है। साथ ही ऐसे पटाखोंकी निर्मिति पर प्रतिबंध लगाने हेतु समितिद्वारा शासन को हर जगह निवेदन भी दिये जा रहें हैं।
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हिन्दू जनजागृति समिति का अभियान – ‘विनाशकारी पटाखोंपर प्रतिबंध लगाएं !’ 
आप यहां से विस्तार से देख सकते हैं !
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स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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