हिन्दु धर्मपर हो रहे आघातोंके संदर्भ में जान लेने हेतु आयोजित ‘हिन्दू धर्मजागृति सभा’ को उपस्थित रहें ! – श्रीमती अपर्णा रामतीर्थकरद्वारा आवाहन

महाराष्ट्र के सरवली गांव, भिवंडी में आयोजित ‘हिन्दू धर्मजागृति सभा’ !

अधिवक्ती श्रीमती अपर्णा रामतीर्थकरद्वारा आवाहन 

श्रीमती अपर्णा रामतीर्थकर

भिवंडी (महाराष्ट्र) : हिन्दु जनजागृति समिति की ओर से २९ जनवरी के दिन यहांपर ‘हिन्दु धर्मजागृति सभा’ का आयोजन किया गया है।

हिन्दु धर्मपर होनेवाले आघातों के संदर्भ में जान लेने हेतु इस सभा को उपस्थित रहें, ऐसा आवाहन अधिवक्ती श्रीमती अपर्णा रामतीर्थकरद्वारा किया गया। यहां के सोनाळी गांव में आयोजित ‘भिवंडी आगरी महोत्सव, २०१६’ के दूसरे दिन उपस्थितोंको संबोधित करते समय वे बोल रहीं थी।

इस असवरपर उन्होंने आगे कहा कि …..

१. संतोंकी इस पुण्यभूमि “भारत” में उच्च ऐसे हिन्दु धर्म में मेरा जनम होना, यह मेरा बडा सौभाग्य है ! परमेश्‍वर आगे यदि मुझसे पुछे कि, तुम्हें अगला जनम मैं कहां दूं ? तो मैं उसे स्पष्ट रूप से कहूंगी कि, जिस ‘देश’ को माता माना जाता है, जिस देश में ‘माता-पिता एवं गुरूजन’ इनको ईश्‍वर के समान माना जाता है एवं जिस देश की परिवारव्यवस्था पूरे विश्‍व में सर्वश्रेष्ठ है, ऐसे ‘भारत देश’ में एक कट्टर ‘धर्माभिमानी हिन्दु’ के रूप में मुझे पुनःपुनः जनम दें !

२. एक गूंज मुझे आज भी सुनाई देती है तथा उसीके कारण मुझे रातमें नींद नहीं आती, वह गूंज है, ‘भारतीय संस्कार, संस्कृति एवं परिवारिक व्यवस्था’ इनकी ‘मृत्यूघंटा’ बज रही है ! आज हम सब अंतिम चरण में हैं। यदि यह ऐसा ही चलता रहा, तो अगले १० वर्षों मे एक भी घर अस्तित्व में नहीं रहेगा !

३. आज ‘शिक्षा’ ने हमें क्या दिया है ? शिक्षा ने हमें नम्रता, समझदारी तो दी नहीं तथा मनुष्य-मनुष्य में मेल कैसें रखें ये भी नहीं सिखाया ! ‘शिक्षा’ ने केवल हमें अच्छा वेतन देकर ‘अहंकारी’ बनाया !

४. पश्‍चिमी संस्कृति का केवल ‘अंधानुकरण’ न कर, हमें लडकियों को वह एक ‘लडकी’ है, इसका भान करा देना चाहिये। महिलाओंको ‘झांसी की रानी’ अथवा ‘रानी चेन्नम्मा’ इनके जैसा पुरूषार्थ करना होता है। पश्‍चिमि औरतों जैसे छोटे कपडे मत पहनो। ‘अपने माँ – बाप को, ‘मम्मी’, ‘डैडी’’ की अपेक्षा ‘माँ-पिताजी’’ ऐसे बुलाकर अपनी संस्कृति का संगोपन करें !

५. हम लडकियोंको बचपन से ‘धर्म-शिक्षण’ नहीं देते; सी कारण आज वे लव जिहाद को बलि चढकर उनका ‘धर्मांतरण’ हो रहा है ! धर्माचरण सिखा कर उन्हें ‘धर्म-कवच’ से संरक्षित करें ! लडकियोंको ‘धर्म-शिक्षण’ दें; क्यों कि, वो ही हिन्दूओंकी ‘जननशक्ति’ है, अगली पिढी की ‘धरोहर’ है !
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२९ जनवरी के दिन भिवंडी में ‘हिंदु धर्मजागृती सभा !’
स्थल : सरवली गाव, भिवंडी
समय : सायं. ६.००
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स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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