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‘वैलेंटाइन डे’ के स्थानपर हिन्दु धर्म के त्यौहार एवं उत्सव मनाने से जीवन का सार्थक होगा – डॉ. श्री. मानसिंग शिंदे

हिन्दू जनजागृति समिति का धर्मप्रसार कार्य

‘‘वैलेंटाइन डे’’ के विरोध में हिन्दु जनजागृति समितिद्वारा छात्रोंका प्रबोधन

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कागल-कोल्हापूर (महाराष्ट्र) : ‘‘वैलेंटाइन डे’’ के कारण युवकों में विकृति बढ गई है। स्वैराचार एवं अनैतिकता बढी है। अपने माता-पिता, बहन एवं भाई इनसे हम वर्ष के ३६५ दिन प्रेम करते हैं।

इसलिए वर्ष में एक बार आनेवाले ‘’फादर्स डे’’, ‘’मदर्स डे’’, ‘‘वैलेंटाइन डे’’ मनाना अयोग्य है।

पश्‍चिमी देशों में ‘‘वैलेंटाइन डे’ मनाना बंद हो रहा है, ऐसे समय भारत में मात्र यह ‘’डे’ संस्कृति ’ फैल रही है !

हमारे हिन्दु धर्म के अनेक त्यौहार एवं उत्सव हैं, उनका शास्रोंके अनुसार पालन करने से हमारे जीवन का सार्थक होगा, ऐसा मार्गदर्शन हिन्दु जनजागृति समिति के आधुनिक वैद्य श्री. मानसिंग शिंदे ने ८ फरवरी के दिन किया।

वे यहां के श्री शाहू हायस्कूल कनिष्ठ महाविद्यालय में ‘‘वैलेंटाइन डे’’ के विरोध में आयोजित भाषण में छात्रोंका प्रबोधन करते हुए वे बोल रहे थे।

इस विषय को ११ वी एवं १२ वी कक्षा के वर्गों में प्रस्तुत किया गया। इस अवसरपर १२५ विद्यार्थी उपस्थित थे। श्री. शिंदे ने व्यक्तित्व आदर्श एवं नैतिकता यह उत्पन्न होने के लिए धर्माचरण के समेत स्वयं में होनेवाले ‘दोषों’को दूर कर ‘गुणों’ में कैसे वृद्धि की जाए, इसकी भी जानकारी दी।
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अवश्य पढें, ‘वैलेंटाइन डे’ के बारे में, सच . . .
हिंदुओ, ब्रिटिशोंका जूठा खानेकी अपेक्षा महान हिंदु संस्कृतिका आदर्श सामने रखकर उसका पालन करें !
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स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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