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‘वैलेंटाईन डे’ के विरोध में नंदुरबार (महाराष्ट्र) में ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’

‘जूते मार कर’ प्रतिकात्मक प्रतिमा का निषेध किया

‘जूते मारो’ आंदोलन में सम्मिलित धर्माभिमानी हिन्दू

नंदुरबार (महाराष्ट्र) : १२ फरवरी २०१६ को यहां के नेहरू चौक पर ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ के अंतर्गत हिन्दू जनजागृति समिति एवं अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंद्वारा ‘वैलेंटाईन डे’ मनाने के विरोध के रूप में ‘जूते मारो’ आंदोलन किया गया तथा ‘इसिस’ एवं अमरनाथ यात्रा के संदर्भ में मांग करने हेतु प्रदर्शन भी किए गए।

आज सवेरे १० बजे नंदुरबार के नेहरू चौक पर ये प्रदर्शन किए गए।

आंदोलन के पश्चात ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ के माध्यम से जिलाधिकारी कार्यालय में मांगोंका ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।

इस अवसर पर उपस्थित लोगोंका मार्गदर्शन करते हुए रणरागिणी शाखा की श्रीमती कल्याणी बंगाळ ने कहा कि, चलचित्र, नाटक, दूरदर्शन आदि प्रसारमाध्यमोंसे प्रभावित वर्तमान की युवा पीढी भारतीय संस्कृति से भटक रही है परिणामस्वरूप विचारहीन पाश्चात्य अंधानुकरण को ही संतोष मानने लगी है !

सनातन संस्था की श्रीमती निवेदिता जोशी ने अमरनाथ यात्रा का विषय प्रस्तुत करते हुए कहा कि, इस यात्रा की अवधि प्रतिवर्ष न्यून की जा रही है। इस वर्ष भी यात्रा की अवधि ११ दिनोंसे न्यून की गई।

श्रीमती जोशी ने आगे कहा कि, यह केवल हिन्दू यात्रियोंकी धार्मिक भावनाओंका प्रश्न नहीं है, अपितु यात्रियोंकी सुविधाएं एवं अवधि को न्यून कर सभी भारतीयोंको कश्मीर से जोड कर रखनेवाला एकमात्र सूत्र भी तोडा जा रहा है !

हिन्दू जनजागृति समिति के डॉ.नरेंद्र पाटिल ने ‘इसिस’ का विषय प्रस्तुत करते हुए कहा कि, जिहादी बना कर भारतीय युवकोंको लडाई करने पर विवश करनेवाले ‘इसिस’ संगठन का छिपा समर्थन करने की इच्छा रखनेवाले लोगोंके कारण ही हमारा संकट बढ गया है ! समय रहते ही शासन इसपर कठोर उपाय करे, ऐसी अपेक्षा है !

श्री योग वेदांत सेवा समिति के श्री. प्रह्लादभाई ने संस्कृति का जतन करनेवाले सदगुणोंको स्वीकार करने का आवाहन करते हुए कहा कि, युवा पीढी को चाहिए कि; वह ‘मातृ-पितृ दिवस’ समान बातोंका प्रसार करने का दायित्व ले।

इस अवसर पर मूख्य रूप से श्री योग वेदांत सेवा समिति के सर्वश्री धीरजभाई, वासुभाई तथा जैन मंदिर के पंडितजी आदि हिंदुत्वनिष्ठ उपस्थित थे। इस आंदोलन में श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान, श्री योग वेदांत सेवा समिति, सनातन संस्था, गोरक्षा समिति, विविध व्यायाम शाला आदि संगठन सम्मिलित हुए थे।

क्षणिका : ‘वैलेंटाईन डे’ की प्रतीकात्मक प्रतिमा को ‘जूते मारना’ चालू रहते में मार्ग से जानेवाली एक वृद्ध महिला को भी जूते मारने की ईच्छा हुई एवं उन्होंने भी ‘जूते मारने’ में सहभाग लिया।
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अवश्य पढें, ‘वैलेंटाइन डे’ के बारे में, सच . . .
हिंदुओ, ब्रिटिशोंका जूठा खानेकी अपेक्षा महान हिंदु संस्कृतिका आदर्श सामने रखकर उसका पालन करें !
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स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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