- उज्जैन में संस्कृति रक्षक संघ की ओर से पत्रकार परिषद
- गोरक्षा, संत सुरक्षा एवं राष्ट्रनिर्माण हेतु हिन्दुत्वनिष्ठों की बैठक !
- पूज्यपाद संतश्री आसारामबापूजीसहित प्रज्ञासिंह ठाकूर एवं पीठाधीश्वर अमृतानंद देवतीर्थजी को कुंभस्नान के लिए छोडने की मांग !
उज्जैन : कोई भी आरोप सिद्ध ना होते हुए भी कारागृह में बंद पूज्यपाद संतश्री आसारामबापूजी, साध्वी प्रज्ञासिंह ठाकूर, पीठाधीश्वर स्वामी अमृतानंद देवतीर्थ महाराज, स्वामी असिमानंद, संत नारायण प्रेमसाई, लेफ्टनंट कर्नल प्रसाद पुरोहित आदि विविध कारागृहों में बंद हैं ।
इन सभी के लिए बारह वर्ष पश्चात आनेवाला सिंहस्थस्नान एवं दर्शन का प्रबंध किया जाए, ऐसी मांग संस्कृति रक्षक संघ की ओर से आयोजित पत्रकार परिषद में रखी गई ।
६ मई को प्रेस क्लब में आयोजित ‘गोरक्षा, संत सुरक्षा एवं राष्ट्रनिर्माण’ इन विषयोंपर विचारमंथन किया गया । इस में संस्कृति रक्षक संघ के राष्ट्रीय संयोजक श्री. राजेश शर्मा, श्रीरामबालक महात्यागी महाराज, स्वामी आत्मबोधानंद महाराज, हिन्दु जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, भारत जागृति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष स्वामी अशोकानंदजी महाराज उपस्थित थे ।
इसकी जानकारी पत्रकार परिषद में दी गई । इस संदर्भ में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री. शिवराज चौहान से ३ मई को मिलकर ज्ञापन सौंपकर बातचीत की गई तथा ५ मई को उज्जैन के जिलाधिकारी से प्रत्यक्ष रूप से मिलकर उनके माध्यम से प्रधानमंत्री श्री. नरेंद्र मोदी से इस संदर्भ में तत्काल प्रबंध किए जाने की मांग की गई ।
हिरासत में लिए गए हिन्दुओं के संतों को सिंहस्थ पर्व के लिए जमानत देकर धार्मिक स्वतंत्रता दी जाए ! – हिन्दु जनजागृति समिति की केंद्र शासन से मांग
उज्जैन : १२ वर्ष के पश्चात आनेवाले सिंहस्थ पर्व के लिए जाने की अनुमति शासन कारागृह में बंद; संतों को दें, इस मांग का ज्ञापन ४ मई २०१६ को हिन्दु जनजागृति समिति की ओर से शासन को सौंपने के लिए ‘वैदिक सनातन धर्म एवं राष्ट्र रक्षा अभियान’ के डॉ. गंगाराम तिवारी, साथ ही योग वेदांत समिति के श्री. राजेश शर्मा को सौंपा गया ।
यह ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से है । इस में करोडों हिन्दुओं के आस्था का केंद्र रहे तथा अपराध सिद्ध न होते हुए भी कारागृह में बंदी बनाये गये संतों को सिंहस्थ पर्व के लिए जमानत देकर शासन को उन्हें धार्मिक स्वतंत्रता देनी चाहिए, ऐसी मांग हिन्दु जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने की है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात