सातारा में ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’द्वारा मांग
सातारा : महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक निर्मिति एवं अभ्यासक्रम संशोधन मंडलद्वारा (बालभारती) की कक्षा छठवीं के इतिहास के पुस्तक में अरुणाचल प्रदेश को भारत का नहीं, अपितु चीन का भाग दर्शाया गया है !
पुस्तक के मानचित्र में मुंबई के संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान की कान्हेरी गुफा पानी के नीचे दिखाई गई है तथा भारत की राजधानी देहली जिस जमुना नदी के तीर पर बसी है, उस तीर पर न दर्शाते हुए उसके विरुद्ध तीर पर दर्शाई गई है। ऐसे विकृत मानचित्रों के कारण छात्रों तक त्रूटिपूर्ण बातें पहुंच रही हैं। इस प्रकार से राष्ट्रीय मानचित्रों का अपमान होकर जनता की राष्ट्रभावनाओं को ठेस पहुंचाई गई हैं, यह अत्यंत चिंताजनक है !
इसलिए पाठ्यपुस्तकों में ऐसे त्रूटिपूर्ण मानचित्र एवं जानकारी अंतर्भूत कर राष्ट्र का अपमान करनेवाले शिक्षणतज्ञ एवं उसे सम्मति देनेवाले ऐसे सभी संबंधित लोगों पर वैधानिक कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही सुधारित पुस्तकें छात्रों को नि:शुल्क वितरीत की जानी चाहिए । इस सुधारित आवृत्ति के व्यय की आपूर्ति अपराधियों से करने की मांग सातारा में ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’द्वारा हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. हेमंत सोनवणेद्वारा की गई।
इसी मांग के साथ साथ, ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर ॐ का उच्चारण अनिवार्य करें’ एवं ‘जम्मू-कश्मीर में हरि पर्वत का नाम ‘कोह-ए-मारन’ करने का हिन्दूद्रोही निर्णय रद्द करें’, इन मांगों को लेकर भी गोलबाग-राजवाडा, सातारा में हिन्दुत्वनिष्ठ एवं शिवप्रेमी संगठनों की ओर से ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ किया गया।
इस अवसर पर समिति की श्रीमती रूपा महाडिकद्वारा साध्वी प्रज्ञासिंह का ८ वर्ष छल करनेवाली पुलिस एवं तत्कालीन राजनेताओं पर कार्रवाई करने की मांग भी की गई।
विश्व हिन्दू परिषद के नगरमंत्री श्री. जितेंद्र वाडकर, समिति के श्री. हणमंत कदम, तथा श्रीमती विद्या कदम ने भी मार्गदर्शन किया।
इस आंदोलन का, हिन्दू महासभा, शिवसेना, बजरंग दल, शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान, विश्व हिन्दु परिषद के साथ अनेक स्थानीय संगठनों ने समर्थन किया। इस आंदोलन में विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के ५० से भी अधिक प्रतिनिधि उपस्थित थे।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात