विस्थापित कश्मीरी हिन्दुओं का पुनर्वसन !
अभियान की पार्श्वभूमि पर पूरे देश में जाहिर सभाओं का आयोजन !
नई देहली : केंद्रशासन ने विस्थापित कश्मीरी हिन्दुओं के संदर्भ में त्वरित निर्णय लेना चाहिए, इस मांग के लिए विस्थापित कश्मीरी हिन्दुओंद्वारा १९ जनवरी २०१७ को ‘चलो कश्मीर’ यह अभियान आयोजित किया जाएगा, ऐसी जानकारी कश्मीरी हिन्दुओं के लिए न्याय अधिकार प्राप्त होने हेतु लडनेवाले यूथ फॉर पनून कश्मीर संगठन के राष्ट्रीय समन्वयक श्री. राहुल कौल ने अपने एक लेख में प्रकाशित किया है। यह लेख वर्तमान में सामाजिक जालस्थलों पर भारी मात्रा में प्रसारित हो रहा है !
इस लेख में श्री. कौल ने आगे यह प्रस्तुत किया है, कि ….
‘चलो कश्मीर’ इस अभियान का आरंभ १ मई २०१६ को बेंगलुरू में हुआ। तत्पश्चात बंगाल के कलिमपोंग में १५ मई को सभा आयोजित की गई। ‘पनून कश्मीर’, ‘यूथ फॉर पनून कश्मीर’ तथा ‘कश्मीरी प्रणाल’ इन संगठनों के सभी कार्यकर्ताओं को यह अभियान आगे बढाने के लिए प्रयास करने चाहिए। कश्मीरी हिन्दुओं को अपना स्वाभिमान तथा प्रतिष्ठा पुनः प्राप्त करने हेतु अब सिद्ध रहना चाहिए।
‘‘चलो कश्मीर’ !’ इस अभियान की पार्श्वभूमि पर आयोजित सभाओं का नियोजन इस प्रकार है . . .
‘चलो कश्मीर’ इस अभियान की पार्श्वभूमि पर विस्थापित कश्मीरी हिन्दुओं की समस्याओं के संदर्भ में जागृति करने हेतु पूरे देश में कुल मिलाकर ८० सभाओं का आयोजन किया गया है। उनमें से कुछ प्रमुख सभाओं का नियोजन इस प्रकार है ….
२४ जुलाई : इंदौर (निजामाबाद, तेलंगाना)
९ अगस्त : भुवनेश्वर (ओडिशा)
१४ अगस्त : बेलगांव (कर्नाटक)
२१ अगस्त : कन्याकुमारी (तमिलनाडु)
१४ सितम्बर : देहली
२ अक्तूबर : गोवा
९ अक्तूबर : मंगलुरू (कर्नाटक)
२१ अक्तूबर : मुंबई (महाराष्ट्र)
२३ अक्तूबर : पुणे (महाराष्ट्र)
२७ अक्तूबर : लक्ष्मणपुरी (लखनऊ), उत्तरप्रदेश
२७ दिसम्बर : जम्मू (जम्मू-काश्मीर)
१९ जनवरी २०१७ को पूरे देश के हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के धर्माभिमानी हिन्दू ‘‘चलो कश्मीर’’ अभियान में सम्मिलित होंगे।
‘चलो कश्मीर’ अभियान का व्यापक स्तर पर प्रसार तथा अनेकविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन, गणेशोत्सव मंडल आदि का अभियान के लिए सहयोग !
१. कश्मीरी हिन्दुओं की मांग के समर्थन हेतु विविध संगठनों के हिन्दुत्वनिष्ठ १० से १५ सहस्र पत्र लिखेंगे।
२. गणेशोत्सव के समय महाराष्ट्र तथा गोवा के गणेशोत्सव मंडलों में ‘‘चलो कश्मीर’ अभियान के संदर्भ के पत्रक वितरित किए जाएंगे।
३. इस संदर्भ में सामाजिक जालस्थल से जागृति अभियान आयोजित किया जाएगा। ‘शंखनाद’ संगठन के १२ लक्ष सदस्यवाले सामाजिक जालस्थल पर गुटद्वारा भी इस अभियान का व्यापक प्रसार किया जाएगा।
४. अधिवक्ताओं के महाराष्ट्र बार काउंसिल संगठन की ओर से पनून कश्मीर को समर्थन प्रदर्शित करनेवाला प्रस्ताव सम्मत किया जाएगा। कश्मीरी हिन्दुओं की व्यथा समाज के सामने प्रस्तुत करने हेतु इस संगठन ने अलग अलग न्यायालयों के प्रांगण में ‘फाऊन्डेशन अगेंस्ट कन्टिन्युइंग टेररिझम अर्थात् फॅक्ट’ प्रदर्शनी का आयोजन किया है। इसके अतिरिक्त महाराष्ट्र बार कौंसिलद्वारा प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर विस्थापित कश्मीरी हिन्दुओं के सूत्रों पर उपाय निकालने की विनती की जाएगी। उसके लिए इस संगठनद्वारा हस्ताक्षर अभियान आयोजित कर ३ से ५ लक्ष हस्ताक्षर प्राप्त किए जाएंगे।
५. पूरे देश के ३६५ ग्रामपंचायतों में इस अभियान की पुष्टि हेतु प्रस्ताव सम्मत करने के लिए उनका प्रबोधन किया जाएगा।
हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित ‘पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन’ में सम्मिलित हिन्दुत्वनिष्ठों का ‘‘चलो कश्मीर’ अभियान के लिए सहयोग !
हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से १९ से २५ जून २०१६ इस अवधि में श्री रामनाथ देवस्थान, फोंडा, गोवा में ‘पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन’ का आयोजन किया गया था। इस अधिवेशन में श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल के साथ पूरे भारत के २५० से अधिक छोटे-बडे हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन आये हुए थे। इस अधिवेशन में ‘यूथ फॉर पनून कश्मीर’ के श्री. राहुल कौल भी उपस्थित थे। उन्होंने इस अधिवेशन के संदर्भ में, साथ ही सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समिति के संदर्भ में जो कुछ प्रतीत हुआ, उसका उल्लेख भी अपने लेख में किया है।
इस लेख के कुछ विशेष सूत्र इस प्रकार हैं ….
१. धर्माचरण तथा संतों के आशीर्वाद के कारण सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समिति के अभियानों को दैवी सामर्थ्य प्राप्त होता है !
अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के आयोजकों का अधिवेशन पर नियंत्रण, उनकी सतर्कता तथा नियोजनपूर्ण कृतियों के कारण मैं प्रभावित हुआ। इस अधिवेशन में मुझे केवल २ दिन सम्मिलित होने की संधि प्राप्त हुई। इन २ दिनों में मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। हिन्दू जनजागृति समिति तथा सनातन संस्था भारत के कोने-कोने में पहुंचने का प्रयास कर रही हैं। भारत के सभी छोटे-बडे हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के साथ संबंध प्रस्थापित करने हेतु वे प्रयास कर रहे हैं। अधिवेशन में लोगों की उपस्थिति देखकर यह बात ध्यान में आती है। धर्माचरण तथा संतों के आशीर्वाद के कारण उनके अभियानों को दैवी सामर्थ्य प्राप्त हुआ है।
२. अधिवेशन में कश्मीर प्रश्न पर की गई चर्चा में सभी सम्मिलित !
इस अधिवेशन में कश्मीर के सूत्र पर चर्चा की गई। विशेष रूप से पनून कश्मीर संगठन के कार्य की प्रशंसा की गई। अधिवेशन में मेरे ध्यान में यह बात आई कि, काश्मीर का सूत्र हर एक जागृत हिन्दू को सता रहा है। अतः कश्मीर के लिए कार्य करने की प्रेरणा इस अधिवेशन में हमें प्राप्त हुई। अधिवेशन का एक पूरा दिन काश्मीर के प्रश्न पर चर्चा करने हेतु ही रखा गया था। उसमें सभी संगठन सम्मिलित हुए थे। उन सभी ने ‘‘चलो कश्मीर’ !’ अभियान के लिए अपना सहयोग प्रदर्शित किया।
– श्री. राहुल कौल, राष्ट्रीय समन्वयक, यूथ फॉर पनून कश्मीर
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात