हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा आयोजित किये गये हिन्दुसंगठन मेलें !
ईश्वरी अधिष्ठान तथा गुरु के आशीर्वाद से धर्मरक्षा हेतु सक्रिय होने का धर्माभिमानी हिन्दुओं का निश्चय !
मुंबई : हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से गोवंडी (पश्चिम) के गणेश मैदान सभागृह, देवनार म्युनिसिपल कॉलनी में तथा खारघर (नई मुंबई) के सेक्टर १२ के श्री सिद्धी विवाह सभागृह में हिन्दुसंगठन मेलों का आयोजन किया गया था। दोनों स्थान पर अनुक्रम से २०० तथा २६० हिन्दू धर्माभिमानियों की उत्स्फूर्त उपस्थिती रही। उस समय उपस्थित हिन्दुओं ने ईश्वरी अधिष्ठान तथा गुरु के आशीर्वाद से सदैव साधना कर धर्मरक्षा हेतु सक्रिय होने का निश्चय किया !
विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन, संप्रदाय, सार्वजनिक मंडलों तथा धर्माभिमानी हिन्दू बंधुओं का इन मेलों को उत्स्फूर्त प्रतिसाद प्राप्त हुआ।
उस समय हिन्दुत्वनिष्ठ अतिथियों ने ‘राष्ट्र एवं धर्म’, तो हिन्दू जनजागृति समिति के मान्यवरों ने ‘सामाजिक दुष्प्रवृतियों का संगठित रूप से प्रतिकार’ तथा ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापना का कार्य, साथ ही हिन्दू जनजागृति समिति प्रणित रणरागिणी शाखा की रणरागिणियों ने ‘स्व-संरक्षण समय की आवश्यकता’ इस विषय पर मार्गदर्शन किया।
गोवंडी में हिन्दू विधीज्ञ परिषद के श्री. विक्रम भावे, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. सुमित सागवेकर तथा हिन्दू जनजागृति समिति प्रणित रणरागिणी शाखा की श्रीमती मनाली नाईक, तो खारघर में हिन्दू राष्ट्र सेना के श्री. कैलाश जाधव, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. प्रसाद वडके तथा हिन्दू जनजागृति समिति प्रणित रणरागिणी शाखा की श्रीमती सुनीता पाटिल इन मान्यवरों ने उपस्थितों को संबोधित किया।
इन मेलों में कार्यक्रम के प्रारंभ में, ‘सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवले का गुरुपूर्णिमा निमित्त संदेश तथा जीवनाडी में सप्तर्षिद्वारा दिया गया संदेश’ इन संदेशों का वाचन किया गया। ‘राष्ट्र एवं धर्म’ के संदर्भ में मार्गदर्शन तथा ‘सनातन पर पुनः एक बार बंदी’ इस संदर्भ में लघुपट भी प्रसारित किया गया।
कार्यक्रम के अंत में ‘स्व-संरक्षण’ के प्रात्यक्षिक दिखाए गए।
गांव-गांव में छत्रपति शिवाजी महाराज के मावळे सिद्ध होने चाहिए ! – श्री. कैलाश जाधव, हिन्दू राष्ट्रसेना, खारघर
अपने आदरस्थानों के अनादर के संदर्भ में परिवाद प्रविष्ट करने हेतु पुलिस के पास जाने के लिए हिन्दू भयभीत होते हैं। पुलिस भी हिन्दुओं को डराती है !
कोंढाणा पर विजय प्राप्त करते समय तानाजी को वीरगती प्राप्त हुई, तो सूर्याजी तथा शेलारमामा ने मावळों (छत्रपति शिवाजी महाराज के वीर सैनिक) को चेतावनी देकर लडने के लिए सिद्ध किया। ऐसे मावळों के साथ ही महाराज ने हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना की।
अतः गांव-गांव में ऐसे शेलार मामा के समान मावळे सिद्ध होने चाहिए। यदि ऐसा हुआ, तो कहीं भी कैराना, कश्मीर की पुनरावृत्ति नहीं होगी !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात