‘एक भारत अभियान – कश्मीर की ओर’ अंतर्गत भुवनेश्वर में, परिषद को आरंभ
भुवनेश्वर (ओडिशा) : भारत रक्षा मंच, हिन्दू जनजागृति समिति एवं पनून कश्मीर इन हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की ओर से यहां ८ एवं ९ अगस्त को ‘एक भारत अभियान – कश्मीर की ओर’ इस अभियान के अंतर्गत दो दिवसीय परिषद को आरंभ हुआ।
इस परिषद में श्रीराम सेना, शिवसेना, हिन्दू मक्कल कत्छी (हिन्दू जनता पक्ष), हिन्दू संहति एवं १० राज्यों के हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित हैं।
पनून कश्मीर के अध्यक्ष डॉ. अजय च्रोंगू तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। परिषद को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, पिछले २५ वर्ष से पनून कश्मीर संगठन कश्मीरी हिन्दुओं का कश्मीर में पुनर्वसन करने हेतु संघर्ष कर रहा है। अब तक की सरकारों ने कश्मीरी हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
भारत रक्षा मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक श्री. मुरली मनोहर शर्मा ने कहा कि, इस संयुक्त परिषदद्वारा भारत शासन की ओर इस संदर्भ में तत्परता से कदम उठाने की मांग की जाएगी, अन्यथा कश्मीर एवं भारत भी कुछ समय पश्चात पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सिरिया तथा इराक जैसे देशों के समान इस्लामी राष्ट्र का ही एक भाग बन कर रह जायेगा ! कश्मीर में व्यापक स्वरुप धारण कर रहा ‘इस्लामी कट्टरतावाद’ पूरे देश में फैलने की संभावना को अस्वीकार नहीं कर सकते।
आद्य शंकराचार्यद्वारा केरल से कश्मीर के प्रयाण का इतिहास हम पुनः एक बार रचाएंगे – श्री. रमेश शिंदे
हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, बहुसंख्यकों हित के लिए ‘एक भारत अभियान – कश्मीर की ओर’ यह एक अभियान आरंभ किया गया है।
हम सभी एक भारत के हिन्दू हैं, जो अपने बंधुओं के साथ हैं एवं उनके अधिकारों की मांग कर रहे है, ऐसा इस का अर्थ है !
आद्य शंकराचार्य ने केरल से आरंभ कर कश्मीर तक पीठों की स्थापना की एवं वहां तपश्चर्या की। शंकराचार्यद्वारा किए गए केरल से कश्मीर तक के प्रयाण का इतिहास अब पुनः हमें लिखना है। कश्मीर में हिन्दुओं को पुनःस्थापित करने का अर्थ है, ‘भारतमाता की जय’, ‘वन्दे मातरम्’ कहने की वापसी !
‘वन्दे मातरम्’ का जयजयकार करनेवाले श्रीनगर के एन.आय.टी. के छात्रों की पिटाई की गई, उसी ‘वन्दे मातरम्’ के जयघोष से हम कश्मीरी हिन्दू विस्थापन दिवस अर्थात १९ जनवरी २०१७ को जम्मू से कश्मीर की ओर प्रयाण करना आरंभ करेंगे। देश की १०० करोड हिन्दू जनता कश्मीरी हिन्दुओं के साथ खडी हैं !
२६ जनवरी को श्रीनगर में हम तिरंगा फहराकर दिखाएंगे !
धारा ३७० के कारण कश्मीर में अराजकता – श्री. सूर्यकांत केळकर, अध्यक्ष, भारत रक्षा मंच
धारा ३७० के कारण जम्मू-कश्मीर, भारत का भाग होते हुए भी इस राज्य का एक अलग ध्वज है।
वहां के सरकारी भवनों पर भारतीय राष्ट्रध्वज नहीं फहरा सकते। काश्मीर के नागरिकों को दो नागरिकत्व हैं। सर्वोच्च न्यायालय के कानून कश्मीर को लागू होने की व्यवस्था नहीं है। लोकसभाद्वारा पारित कानून कश्मीर को लागू नहीं हैं तथा भारत का कोई भी नागरिक वहां की भूमि क्रय नहीं कर सकता।
धारा ३७० के अनेक परिणामों के कारण वहां की परिस्थिति गंभीर बन गई है एवं वहां अराजकता उत्पन्न हो गई है !
बुरहान वानी समान आतंवादियों की अंतर्यात्रा को वहां के मुसलमान सहस्रों की संख्या में उपस्थित रहते हैं। ऐसी सभी परिस्थिति में परिवर्तित करने हेतु हिन्दुओं में जागृति उत्पन्न करनी आवश्यक है। भारत रक्षा मंच के अध्यक्ष श्री. सूर्यकांत केळकर ने चर्चासत्र में बोलते हुए ऐसा प्रतिपादित किया।
इस परिषद को डॉ. विमालेंदू मोहंती, अधिवक्ता श्री. विष्णु जैन, श्री. ए.बी. त्रिपाठी एवं श्री. संजीब होता ने मार्गदर्शन किया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात