- आतंकियों ने देश में उत्पात मचाया है, ऐसे में ‘राष्ट्र एवं धर्म’ का कार्य करनेवाले संगठन के कार्य में बाधा उत्पन्न करनेवाली पुलिस !
- हिन्दू धर्मजागृति सभाओं में सत्यस्थिति विशद कर हिन्दूओं का उद्बोधन किया जाता है। इस सत्य को बताने में पुलिस बाधा खडी कर देती है, इसे ध्यान में लें ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात
शिग्ली (कर्नाटक) : यहां २ अक्तूबर को ‘हिन्दू धर्मजागृति सभा’ का आयोजन किया गया था। इस सभा में पुलिसकर्मियोंद्वारा हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं को बिना किसी कारण ही पीडा पहुंचाई गई, साथ ही उनकेद्वारा कार्यकर्ताओं के साथ अनुचित व्यवहार किया गया। (यदि पुलिस अपनी इस शक्ति का उपयोग आतंकियों को पकडने के लिए करती, तो देश आतंकवादमुक्त होने हेतू सहायता मिलती ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)
१. पुलिसकर्मियों ने सभा के पहले दिन समिति के कार्यकर्ताओं को अनेक बार दूरभाष कर सभा के वक्ताओं के विषय में पूछताछ की।
२. सभा के प्रारंभ में जब व्यासपिठ से सूत्रसंचालक बोल रहा था, तब एक पुलिसकर्मी एक कार्यकर्ता से कह रहा था कि, आप क्रांति के विषय में क्यों बोल रहे हैं ? क्यों, बिना किसी कारण अन्य धर्मियों के विषय में बोलकर वातावरण दूषित कर रहे हैं ? (पुलिसकर्मी इसी प्रकार से धर्मांधों की सभा में जाकर उनको क्या बोलना चाहिए अथवा क्या नहीं बोलना चाहिए, इसका निःशुल्क परामर्श देते हैं क्या ? हिन्दू धर्मजागृति सभाओं में सत्यस्थिति विशद कर हिन्दूओं का उद्बोधन किया जाता है। इस सत्य को बताने में पुलिस बाधा खडी कर देती है, इसे ध्यान में लें ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)
३. सभा को प्रारंभ होनेपर पुलिसकर्मी सभा का चित्रिकरण कर रहे थे, साथ ही बिना किसी कारण ऊंची आवाज में बातें कर रहे थे।
४. पुलिसकर्मी एक साधक के विषय में झूठी जानकारी देकर धर्माभिमानियों के मन में विकल्प उत्पन्न कर रहे थे। उसके कारण संबंधित साधक को सेवा करने में बाधा उत्पन्न हो रही थी। (जनता की रक्षा हेतू होनेवाले पुलिसकर्मी यदि इस प्रकार से समय व्यर्थ गंवाते हों तो क्या, यह जनता के धन का अपव्यय नहीं है ? – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात