पीतपत्रकारिता का उदहारण !
अन्य धर्मियों के धर्मगुरुओंद्वारा यौन शोषण किए जाने के समाचारों को दबानेवाले भारत की प्रसारमाध्यमें हिन्दू संतों के संदर्भ में झूठे समाचार प्रकाशित कर उनको अपकीर्त करते हैं !
नई देहली : सितंबर माह में संतश्री आसाराम बापूजी को यहां के एम्स् चिकित्सालय में भरती किया गया था। उस समय एक दैनिकद्वारा समाचार प्रकाशित करते समय पू. बापूजीद्वारा वहां की स्थानीय परिचारि का से बोलते हुए आपत्तिजनक वक्तव्य दिए जाने का समाचार प्रकाशित किया गया था; परंतु वास्तव में चिकित्सालय में स्थित प्रसारमाध्यम तथा शिष्टाचार विभाग की अध्यक्ष प्रा. नीरज भाटला एवं प्रवक्ता डॉ. अमित गुप्ताद्वारा १७ अक्तूबर को लिखित रूप में दी गई जानकारी के अनुसार इस प्रकार की कोई भी घटना अथवा वक्तव्य चिकित्सालय स्थित परिचारि का अथवा कर्मचारी के संदर्भ में नहीं हुई है, ऐसा कहा गया है !
साथ ही इस संदर्भ में पुलिस के पास किसी भी प्रकार का परिवाद नहीं किया गया है।
इससे संबंधित दैनिक की पीतपत्रकारिता दिखाई दी है। (प्रसारमाध्यमोंद्वारा हिन्दू संतों को किस प्रकार अपकीर्त किया जाता है, यह इस घटना से ध्यान में आता है ! हिन्दूओं को ऐसे प्रसारमाध्यमों का बहिष्कार करना चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात