१ दिसम्बर को संपन्न होनेवाली ‘हिन्दू धर्मजागृति सभा’ के उपलक्ष्य में नियोजन बैठक
यवतमाळ : ‘राष्ट्ररक्षा एवं धर्मरक्षा हेतु सामूहिक उत्सव मंडल की भूमिका क्या है’, इस विषय पर १३ नवम्बर को हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा बैठक का आयोजन किया गया था।
इस बैठक में श्री दुर्गा एवं श्री गणेश मंडलों के ७ पदाधिकारी उपस्थित थे। हिन्दूत्वनिष्ठोंद्वारा उस समय १ दिसम्बर को संपन्न होनेवाली ‘हिन्दू धर्मजागृति सभा’ के उपलक्ष्य में धर्म पर आनेवाली आपत्तियों को विरोध करने का निश्चय किया गया।
समिति के विदर्भ समन्वयक श्री. श्रीकांत पिसोळकर ने ‘राष्ट्र एवं धर्म’ हेतु सामूहिक मंडल किस प्रकार से योगदान दे सकते हैं, इस संदर्भ में मार्गदर्शन किया, साथ ही सामूहिक उत्सवों में होनेवाले अपप्रकार प्रतिबंधित कर छत्रपति शिवराय के अनुसार ‘धर्म’ के नाम पर संघटन करने का आवाहन भी किया। इस बैठक में यह निश्चित किया गया कि, हर पाठशाला में ‘संस्कृति रक्षा अभियान’ आयोजित करना, ‘३१ दिसम्बर’ मनाने के लिए विरोध करना, साथ ही पंद्रह दिन में एक बार बैठक का आयोजन करना।
इस समय जय मां भवानी मंडल, जयवीरा दुर्गात्सव मंडल, एकता शारदा मंडल, जयमातादी मंडल, स्वराज्य दुर्गाउत्सव मंडल, हिन्दु राष्ट्र मंडल, सनातन संस्था, रणरागिणी शाखा के ३० कार्यकर्ता उपस्थित थे।
‘एक हिन्दू’ होने के नाते हम समिति को सहकार्य करेंगे ! – श्री. अमोल देशमुख, नगरसेवक
बैठक में भाजपा के नगरसेवक अमोल देशमुख की उपस्थिती रही। उन्होंने बताया कि, ‘पाठशाला के छात्रों को ‘संस्कृति रक्षा’ हेतु धर्मशिक्षण देना आवश्यक है !’ साथ ही उन्होंने ऐसे उद्गार व्यक्त किए कि, ‘यवतमाळ में हम ‘एक हिन्दू’ होने के नाते समिति को सहकार्य करेंगे !’
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात