संभाजीनगर में प्रांतीय हिन्दू अधिवेशन
संभाजीनगर : फटे हुए नोटों की तरह आजकी हमारे हिन्दू धर्म की स्थिति हो गई है । उसमें परिवर्तन लाने हेतु ही हमारे साधु-संतों की भांति संगठन करने की स्थिति आ गई है । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु अब सभी संप्रदाय एवं संगठनों को एकत्रित होना ही होगा, सांप्रदायिक एकता समय की मांग है एेसा मार्गदर्शन ह.भ.प. जनार्दन महाराज मेटे ने किया । यहां के महावीर भवन में संपन्न प्रांतीय हिन्दू अधिवेशन में वे ऐसा बोल रहे थे । संभाजीनगर, नगर एवं जालना जनपदों में व्याप्त हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन एवं धर्मप्रेमियों के लिए एकदिवसीय प्रांतीय हिन्दू अधिवेशन लिया गया । व्यासपीठपर धर्मयोद्धा संगठन के उपाध्यक्ष श्री. कैलास कुर्हाडे, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. अभिजीत देशमुख एवं कु. प्रियांका लोणे उपस्थित थीं । इस अधिवेशन में ५० से भी अधिक हिन्दुत्वनिष्ठ एवं धर्माभिमानी उपस्थित थे ।
प्रांतीय हिन्दू अधिवेशन में पारित किए गए प्रस्ताव
१. विश्व कल्याण हेतु भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने हेतु वैधानिक पद्धति से जो-जो प्रयास करने आवश्यक हैं, वो सब यह प्रांतीय अधिवेशन करेगा । भारतीय संसद देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित करें ।
२. केंद्रशासन पूरे देश में तत्काल गोहत्या बंदी कानून करें तथा उसका कठोरता के साथ क्रियान्वयन किया जाए ।
३. विस्थापित कश्मीरी हिन्दुआें का कश्मीर में पुनः पुनर्वास किया जाए ।
४. नास्तिकवादियों की हत्याआें के प्रकरण में अन्वेषण संस्थाआें द्वारा सनातन संस्था के निरपराध साधकों को उत्पीडन न हो । इसके लिए केंद्र शासन हस्तक्षेप करें ।
उपस्थित संगठन एवं राजनीतिक दल
शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान, वारकरी संप्रदाय, धर्मयोद्धा संगठन, हिन्दू रक्षा समिति, युवा सेवा संघ, शिवसेना, श्री संप्रदाय, पतंजली युवा समिति, छावा युवा संगठन, गणेश मंडल, घारेगाव, तंटामुक्ति समिति, गाडेवाट, अखिल भारतीय छावा संगठन, हिन्दू विधिज्ञ परिषद, रणरागिनी शाखा एवं सनातन संस्था
प्रांतीय हिन्दू अधिवेशन के उपलक्ष्य में एकत्रित ५० से भी अधिक संगठनों के प्रतिनिधी एवं धर्मप्रेमियों ने हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु व्यापक जनजागृति करने का निश्चय किया । विशेष बात यह कि, अधिवेशन में उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठों ने इसके आगे राष्ट्र एवं धर्मजागृती से संबंधित उपक्रमोंसहित सामाजिक उपक्रम चलाने का निश्चय किया । साथ ही कश्मीरी हिन्दुआें का पुनर्वास करने हेतु राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाने का निश्चय भी किया गया । ये संगठन संस्कृतिरक्षा, गोरक्षा, हिन्दुआें के मानबिंदुआें की रक्षा, धर्मपरिवर्तन एव लव जिहाद इन समस्याआें के विषय में उद्बोधन इत्यादी क्षेत्र में कार्यरत हैं । इस अधिवेशन द्वारा इसी कार्य को गति देने का प्रयास किया गया ।
संदर्भ : दैनिक सनातन प्रभात
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