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हर माता ने अपने बच्चों को धर्मशिक्षा देनी चाहिए ! – श्री. अरविंद थलावर, धर्माभिमानी

कर्नाटक के थोरांगलु (बल्लारी) में ‘हिन्दू धर्मजागृति सभा’

दीपप्रज्वलन करते हुए बाईं ओर से श्री. अरविंद थलावर, श्री. पुंडलिक पै, कु. नागमणी आचार्य एवं श्रीमती संगिता जानू
दीपप्रज्वलन करते हुए बाईं ओर से श्री. अरविंद थलावर, श्री. पुंडलिक पै, कु. नागमणी आचार्य एवं श्रीमती संगिता जानू

थोरांगलु (बल्लारी, कर्नाटक) : ‘धर्म’ तो हिन्दुस्थान की आत्मा है ! हमारे बच्चों को विद्यालयों में कैसी शिक्षा दी जा रही है, इसपर हरएक को विचार करना चाहिये। छत्रपति शिवाजी महाराज की माता जिजाई ने उनको धर्म एवं राष्ट्र के संस्कार दिए और उसके कारण ही उन्होंने हिन्दवी राज्य की स्थापना की। इससे प्रेरणा लेकर हर माता ने अपने बच्चों को धर्मशिक्षा देना तथा उनको मंदिरों में भेजना आवश्यक है। ऐसा प्रतिपादन धर्माभिमानी श्री. अरविंद थलावर ने किया। यहां के मदारी हिरिया प्राथमिक विद्यालय के प्रांगण में २७ नवंबर को हिन्दू धर्मजागृति सभा का आयोजन किया गया था। उसमें वो संबोधित कर रहे थे।

इस सभा को समिति के श्री. पुंडलिक पै, सनातन संस्था की कु. नागमणि आचार्य एवं रणरागिणी शाखा की कु. संगीता जानू ने संबोधित किया। इस सभा में ७२५ से भी अधिक धर्माभिमानी उपस्थित थे।

धर्माचरण एवं साधना नियमित रूप से करें ! – कु. नागमणि आचार्य

सुख का मूल धर्माचरण में है। पश्‍चिमियों के प्रभाव के कारण हम सभी धर्माचरण की सीधी सीधी कृतियां भूल गए हैं। हमें धर्माचरण के रूप में कुछ कृतियां अवश्य करनी चाहियें। मुसलमानों को गोल टोपी पहनने में लज्जा नहीं प्रतित होती, तो हमें माथे पर लाल तिलक लगाने में लज्जा कैसी ?

अन्याय के विरोध में जागृत हों ! – श्री. पुंडलिक पै

‘हिन्दुओं, उठो, जागृत हों, अपना राज्य स्थापन करें !’ इस मूल संदेश को देने हेतु ही इस धर्मजागृति सभा का आयोजन है। ‘हिन्दू राष्ट्र’ का अर्थ रामराज्य ! रामराज्य हेतु राज्यकर्ता ही नहीं, अपितु प्रजा भी सात्त्विक एवं प्रामाणिक होनी चाहिये। इसके लिए शासन एवं सामाजिक क्षेत्र में व्याप्त दुष्प्रवृत्तियों के विरोध में जागरूक होने की आवश्यकता है।

महिलाशक्ति का जागरूक होना अति आवश्यक है ! – श्रीमती संगीता जानू

केवल जम्मू कश्मीर ही नहीं, अपितु देश के अन्य राज्यों में भी कश्मीर जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है। हिन्दुओं को अपने घर छोडकर विस्थापित होनेपर बाध्य होना पड रहा है। इन सभी से लडने हेतु स्वसंरक्षण प्रशिक्षण लेना आवश्यक है !

क्षणचित्र

१. २ व्यवसायी युवकों को समिति के संदर्भ में कुछ भी ज्ञात न होते हुए भी उन्हों ने सभा के पहले दिन तथा सभा के दिन एक धर्मकार्य के रूप में सभा से संबंधी सेवाओं में सहभाग लिया।

२. तोरांगलु गांव में २ धर्मशिक्षा वर्ग लिए जाते हैं। इन वर्गों में आनेवाले धर्माभिमानियों ने ३ दिनोंतक साधकों के निवास एवं भोजन का प्रबंध किया।

हिन्दू धर्मजागृति सभा में उपस्थित रहने से जीवन का सार्थक होने जैसा लग रहा है ! – श्री. अरविंद थलावर, धर्माभिमानी

मुझे हिन्दू धर्मजागृति सभा के व्यासपिठपर उपस्थित होने का सौभाग्य मिला, इसे मैं अपना पूर्वसुकृत मानता हूं। मैं अनेक कार्यक्रमों में उपस्थित रह चुका हूं; परंतु हिन्दू जनजागृति समिति की सभा में मैं पहली बार ‘वक्ता’ के रूप में आया हूं। आज मुझे मेरे जीवन का सार्थक होने जैसा लग रहा है !

बागलकोट (कर्नाटक) के अरकेरी में भी हिन्दू धर्मजागृति सभा को उत्साह के साथ प्रतिसाद !

बागलकोट (कर्नाटक) : यहां के अरकेरी गांव में २१ नवंबर को हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित हिन्दू धर्मजागृति सभा को उत्साह के साथ प्रतिसाद प्राप्त हुआ।

इस समय रणरागिणी शाखा की डॉ. (श्रीमती) ज्योति हलगुणकी, सनातन संस्था की श्रीमती विदुला हळदीपुर एवं हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. व्यंकटरमण नायक ने मार्गदर्शन किया। ३५५ से भी अधिक ग्रामवासियों ने इस सभा का लाभ उठाया। इसमें ९० छात्रों का भी समावेश था। यहां के धर्माभिमानियों ने इस पूरे सभा की सिद्धता की।

श्री. व्यंकटरमण नायक ने ‘हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता एवं धर्मरक्षा’ इस संदर्भ में मार्गदर्शन कर लव्ह जिहाद के संदर्भ में जागृति की।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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