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महिलाआें को गार्गी, जिजामाता, अहल्या एवं लक्ष्मीबाई का आदर्श रखना चाहिए ! – श्रीमती नयना भगत, रणरागिनी शाखा

सानपाडा : आक्रमकों के प्राचीन समय में देवता, देश एवं धर्म के प्रति आस्था, अभिमान एवं स्वयं में व्याप्त अंतर्गत गुणोंवाली महिलाआें ने समाज को आधार देकर इतिहास में स्थान प्राप्त किया; परंतु आज की महिलाएं अपने दैदिप्यमान इतिहास को भूलकर अपने बच्चों को पश्‍चिमी शिक्षा, कपडे, जीवनशैली के विषय में प्रोत्साहित करती हुई दिखती हैं । महिलाआें को गार्गी, जिजामाता, अहल्या, लक्ष्मीबाई जैसी महिलाआें का आदर्श सामने रखना चाहिए । रणरागिनी शाखा की श्रीमती नयना भगत ने यह आह्वान किया । यहां के सेक्टर ८ के स्वामी समर्थ केंद्र में आयोजित महिलाआेंपर होनेवाले अत्याचारों के विरुद्ध स्वसंरक्षण एवं धर्मशिक्षा – समय की आवश्यकता इस विषयपर महिलाआें का मार्गदर्शन करते हुए वे ऐसा बोल रहीं थी । २५ महिलाआें ने इस मार्गदर्शन का लाभ उठाया ।

श्रीमती नयना भगत ने आगे कहा कि, महिलाआेंपर होनेवाले अत्याचारों की तीव्रता प्रतिदिन बढती जा रही है । आतंकवाद, लव जिहाद जैसी घटनाआें में हिन्दु महिलाआें को लक्ष्य बनाया जा रहा है । राष्ट्र एवं धर्म की स्थिति दयनीय होने के समय आज की महिलाएं पुरोगामी विचारकों द्वारा चलाए जा रहे तथाकथित आंदोलन की बली चढते हुए दिखाई देती हैं । इस दुष्टचक्र से बाहर निकलने हेतु हिन्दू जनजागृति समिति की रणरागिनी शाखा महिलाआें को स्वसंरक्षण एवं धर्मशिक्षा देकर वास्तविक रूप में शिक्षित एवं सामर्थ्यशाली बनाने का प्रयास कर रही है । अतः महिलाएं को रणरागिनी शाखा द्वारा निःशुल्क चलाए जानेवाले स्वसंरक्षण एवं धर्मशिक्षावर्ग का लाभ उठाएं ।

श्री स्वामी समर्थ केंद्र के श्री. किरण वाजगे द्वारा व्याख्यान हेतु स्थल एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराई गई ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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