उरण (रायगढ) : हमारे देश में देवताआें का खुलेआम अनादर होता है, मंदिरों का सरकारीकरण होता है, मंदिरों की संपत्ति को लूटा जाता है, भूमियां हडप ली जाती है, सडक चौडी करते समय उसके बीच में मंदिर आाया, तो उसे तोडा जाता है; परंतु यदि मस्जिद आ गई, तो उसको हाथ नहीं लगाया जाता । हिन्दुआें के उत्सव-त्यौहारों को बंद करने का प्रयास किया जाता है । हिन्दुआें की यात्रापर और हिन्दुआें के कुंभमेलेपर कर (Tax) लगाया जाता है; परंतु हज यात्रा के लिए ८२६ कोटि रुपए का अनुदान दिया जाता है । हिन्दुआें के लिए कानून; किंतु अन्य धर्मियों को लाभ, यही शासन की नीति है । हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. नरेंद्र सुर्वे ने दादर गाव (तहसील पेण) में आयोजित हिन्दू धर्मजागृति सभा में बोलते हुए यह प्रतिपादन किया ।
यहां के संतोषीमाता मंदिर सभागार में २९ दिसंबर को हिन्दू धर्मजागृति सभा का आयोजन किया गया था । सभास्थलपर क्रांतिकारियों के विषय में जानकारी देनेवाली फ्लेक्सप्रदर्शनी लगाई गई थी । इस सभा में गांव के २०० से भी अधिक हिन्दू धर्माभिमानी उपस्थित थे ।
सनातन संस्था की श्रीमती मोहिनी पांढरे ने इस सभा को संबोधित किया, उसमें उन्होंने हिन्दू संस्कृति का महत्त्व विशद किया । भारतीय संस्कृति में व्याप्त गुरु-शिष्य परंपरा का महत्त्व तथा हिन्दुआें के लिए धर्मशिक्षा लेने का महत्त्व विशद किया ।
क्षणचित्र
१. दादर गांव के धर्माभिमानी श्री. हिरामण म्हात्रे ने स्वयं गांव में घूमकर मेगाफोन द्वारा सभा का प्रसार किया ।
२. बिजली खंडित होकर भी धर्माभिमानियों ने शांति से सभा को सुना ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात