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हिन्दुओं को धर्माचरणद्वारा ही अपना चारित्र्य स्थापित करना चाहिये – पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे

भोपाल के युवा केंद्र में, धर्म रक्षक संगठन के कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन

दीपप्रज्वलन करते हुए समिती के राष्ट्रीय मार्गदर्शन पू, (डॉ) चारूदत्त पिंगळे

भोपाल : आज हिन्दू धर्म के प्रति आस्था रहनेवालों का संगठन हो रहा है। इस संगठन के साथ साथ धर्माभिमानी हिन्दुओं को धर्माचरणद्वारा ही अपना चारित्र्य भी स्थापित करना आवश्यक है। यदि चारित्र्य स्थापित किया, तो हिन्दू समाज जोडना संभव है ! हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने ऐसा प्रतिपादित किया। वे यहां के लालघाटी परिसर के युवा केंद्र में धर्म रक्षक संगठन के कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन करते समय बोल रहे थे।

उपस्थितों को मार्गदर्शन करते हुए समिती के राष्ट्रीय मार्गदर्शन पू, (डॉ) चारूदत्त पिंगळे

इस अवसर पर व्यासपीठपर हिन्दू धर्माभिमानी श्री. नीरज सिंह, हिन्दू जनजागृति समिति के मध्यप्रदेश समन्वयक श्री. योगेश व्हनमारे, श्री. अखिलेश मिश्रा एवं धर्मरक्षक संगठन के संस्थापक श्री. विनोद यादव उपस्थित थे।

पू. डॉ. पिंगळे ने आगे कहा कि, आज भारत में रहनेवाले मुसलमान मक्का की दिशा मुंह कर नमाजपठन करते हैं एवं हज को जाकर आते हैं। ईसाई उनके श्रद्धास्थान जेरूसेलम को जा सकते हैं, परंतु; स्वतंत्र भारत में आज भी हिन्दू प्रभू श्रीराम के जन्मस्थल पर पूजाअर्चा नहीं कर सकते ! श्रीकृष्ण के जन्मस्थल की भूमि पर भी आज अतिक्रमण हो गया है। यह स्थिति ही ‘हिन्दू राष्ट्र’ की पुनर्स्थापना की आवश्यकता को स्पष्ट करती है। इसलिए सभी को संघटित होना चाहिये !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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