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रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में पनाह न दें ! – हिन्दू आंदोलनकारियोंद्वारा सरकार को चेतावनी

नालासोपारा में ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’

आंदोलन में सम्मिलित राष्ट्र एवं धर्म प्रेमी हिन्दू

नालासोपारा : बौद्धबहुल म्यानमार देश से रोहिंग्या मुसलमानों को खदेडने के उपरांत अनेक देशों ने उन्हे पनाह नहीं दी। फिर भी भारत में उनका स्वागत किया जा रहा है ! जम्मू की डोग्राबहुल लोकबस्ती में उनका पुनर्वसन करने की सरकार योजना बना रही है। यदि भविष्य में इनकी संख्या बढ गई, तो जिस प्रकार कश्मीर से कश्मीरी पंडितों को विस्थापित होना पडा, उसी प्रकार से जम्मू से भी हिन्दुओं को विस्थापित होना पड़ सकता है !

सरकार के इस आत्मघातकी निर्णय का विरोध करने हेतु नालासोपारा पूर्व के संतोष भुवन समीप ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ के अंतर्गत, आंदोलन किया गया।

इस अवसर पर एनसीईआरटी का हिन्दू एवं राष्ट्रविरोधी अभ्यासक्रम निरस्त करने की मांग भी की गई तथा राष्ट्रीय त्यौहार के उपलक्ष्य में होनेवाले राष्ट्रध्वज के अनादर के संदर्भ में जनजागृति की गई।

प्रार्थना एवं घोषणाओं से आंदोलन का आरंभ किया गया। शासन के इस हिन्दूविरोधी निर्णय का निषेध करने हेतु आंदोलकों ने हाथ में फलक धारण किए थे। मेगाफोन से आंदोलन करने के पीछे का उद्देश्य स्पष्ट किया गया।

आंदोलन में बजरंग सेवा दल, ब्राह्मण सेवा संघ, हिन्दू गोवंश रक्षा समिति, योग वेदांत समिति, विश्‍व हिन्दू परिषद, बजरंग दल एवं हिन्दू जनजागृति समिति आदि संघटनों एवं शिवसेना तथा भाजपा इन दलों के कुल मिलाकर ८० से भी अधिक कार्यकर्ता सम्मिलित हुए थे। संपूर्ण ‘वन्दे मातरम्’ गायन से आंदोलन की परिसमाप्ति की गई।

मान्यवरोंद्वारा व्यक्त किए गए विचार

श्री. सूर्यभान सिंग, बजरंग सेवा दल : पाकिस्तान एवं बांग्लादेश से भारत आए हिन्दूओ का कोई त्राता नहीं है; परंतु म्यानमार से आए रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में स्थान दिया जाता है, यह कदापि सहन नहीं किया जाएगा !

श्री. गुलाब मौर्या, योग वेदांत समिति : प्लास्टिक ध्वज, ध्वज के रंगों में गुब्बारे एवं ऐसे ही अन्य उत्पादों के कारण होनेवाले राष्ट्रध्वज के अनादर के संदर्भ में लोगों में जागृति कर हमें उसे रोकना चाहिए !

श्री. उमेश दुबे, ब्राह्मण सेवा संघ : राष्ट्रीय त्यौहार के दूसरे दिन प्लास्टिक राष्ट्रध्वज मार्ग पर इधर-उधर बिखरे दिखाई देना राष्ट्र के लिए प्राणों की आहुति देनेवाले क्रांतिकारियों का घोर अपमान है। हमे इसे रोकना चाहिए !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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