हिन्दू जनजागृति समिति एवं सनातन संस्थाद्वारा धर्मप्रसार कार्य
तीलगुड वितरण, स्नेहमेले, हलदी-कुमकुम आदि कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं को धर्मशिक्षा
जलगांव
यहां के मुक्ताईनगर क्षेत्र के श्री हनुमान मंदिर में सनातन संस्था ठाणे, न्यास की ओर से ‘महिलाओं की व्याधियां एवं आयुर्वेदीय दृष्टिकोण’ तथा ‘मकरसंक्रांति का आध्यात्मिक महत्व’ इन विषयों पर व्याख्यान आयोजित किया गया। ८० से भी अधिक महिलाओं ने इस उपक्रम का लाभ उठाया। इस अवसर पर आयुर्वेद तज्ञ श्रीमती हर्षदा पाटिल तथा सनातन की श्रीमती सौख्या चौधरी ने मार्गदर्शन किया।
भोर
निगडे, भोर (जिला पुणे) यहां हिन्दू जनजागृति समिति प्रणित रणरागिणी शाखा की ओर से हलदी-कुमकुम समारोह संपन्न हुआ। इस अवसर पर श्रीमती राजश्री तिवारी ने धर्मशिक्षा की आवश्यकता विशद की। इस अवसर पर रणरागिणी शाखा की श्रीमती नेहा मेहता भी उपस्थित थीं। ८० से भी अधिक महिलाओं ने इस कार्यक्रम का लाभ उठाया। नगर में भी रणरागिणी शाखा की ओर से संपन्न हलदी-कुमकुम के समारोह का लाभ ३२ से भी अधिक महिलाओं ने लिया। निगडे गांव के हलदी-कुमकुम के समारोह का आयोजन धर्मशिक्षावर्ग के धर्मप्रेमियोंने किया था। निगडे एवं भोर में महिलाओं ने उत्स्फूर्त रूप से धर्मशिक्षावर्ग की मांग की।
फलटन (जिला सातारा)
यहां हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से हिंगणगाव, तावडी एवं ढवळेवाडी मे तीलगुड स्नेहमेले का आयोजन किया गया। धर्मशिक्षावर्ग के धर्माभिमानियों ने मेलों का आयोजन किया था। हिंगणगांव के धर्माभिमानियों ने कहा कि, ‘सनातन के ग्रंथों में समाज के लिए उपयुक्त ज्ञान दिया गया है। ऐसे ग्रंथ उपायन के रूप में देना उचित है। इसलिए भविष्य में मकरसंक्रांति के अवसर पर सनातन के ग्रंथों को उपायन के रूप में हम जरुर देंगे !’ ढवळेवाडी गांव के ज्येष्ठ्य नागरिकोंने समिति के कार्य की प्रशंसा की।
अमरावती
यहां धर्मसेवा प्रतिष्ठान की ओर से ‘स्त्रीभूण हत्या’ इस विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का पूरा नियोजन यहां के धर्मशिक्षावर्ग की महिलाओं ने किया। इस अवसर पर कुल ७० महिलाएं उपस्थित थीं।
मिरज
सनातन संस्था मिरज, न्यास की ओर से शिवसेना के श्री. आनंद राजपूत के घर मकरसंक्रांति के अवसर पर सामूहिक हलदी-कुमकुम का कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर श्रीमती वैशाली राजहंस ने ‘मकरसंक्रांति का महत्व’ इस विषय पर मार्गदर्शन किया।
नागपुर
यहां, ‘मकरसंक्रांति का महत्व’ एवं ‘उसे मनाने की पद्धतियां’ इस विषय पर श्री. अतुल आर्वेन्ला ने प्रवचन आयोजित किया। प्रवचन में ३५ जिज्ञासू महिलाएं उपस्थित थीं।
नासिक
यहां के कालाराम मंदिर में हलदी-कुमकुम समारोह का आयोजन किया गया था। भक्तों को तीलगुड वितरित किया गया। २५० से भी अधिक लोगों ने इसका लाभ उठाया। इस समय एक जिज्ञासू महिला ने समिति के कार्य मे सम्मिलित होने की सिद्धता दर्शाई। जेऊर पाटोदा (कोपरगाव) के धर्मशिक्षावर्ग की महिलाओं ने हलदी-कुमकुम के कार्यक्रम का आयोजन किया। उन्होंने कार्यक्रम स्थल को गोमय से लिप कर मार्ग के दोनो ओर से रंगोली बनाई। इस अवसर पर ‘स्त्रीभूण हत्या’ इस विषय पर मार्गदर्शन किया गया। १३५ से भी अधिक महिलाओं ने इसका लाभ उठाया।
रायगढ
यहां ११ स्थानों पर हलदी-कुमकुम के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर दिए गए हस्तपत्रकों को देख कर वुछ महिलाओं ने कहा कि वे ये पत्रक उनकी सहेलियों को भी देंगी।
सोलापुर
यहां संकेतस्थल के माध्यम से धर्माभिमानियों का स्नेहमेला संपन्न हुआ। इस अवसर पर उन्हें समिति के कार्य की जानकारी दी गई। सभी ने हर माह में एक बार मिलने की मांग की। समिति के पश्चिम महाराष्ट्र समन्वयक श्री. मनोज खाड्ये ने मार्गदर्शन किया। सभी को ‘हिन्दू राष्ट्र’ की संकल्पना पसंद आयी। अनेक धर्माभिमानी इस कार्य में सम्मिलित होने हेतु सिद्ध हुए। एक धर्माभिमानी श्री. बसवराज जमखंडी ने अपने मित्रों को समिति के संदर्भ में जानकारी देकर उन्हें भी इस कार्य में सम्मिलित करेंगे, ऐसा कहा। ६० महिलाओं ने यहां के सुशीलनगर क्षेत्र में आयोजित स्नेहमेले का लाभ उठाया। कार्यक्रम का आयोजन एवं सिद्धता वंदे मातरम् बहउद्देशीय संस्थाद्वारा की गई थी। कार्यक्रम के प्रसार हेतु फलक लगा कर प्रसिद्धि भी की गई।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात