नल्लगोंडा (तेलंगाना) में ‘हिन्दू धर्मजागृति सभा’
भाग्यनगर (तेलंगाना) : ‘धर्मसंस्थापना के लिए ईश्वर स्वयं अवतार धारण करेंगे, हमारा धर्म कोई नष्ट नहीं कर सकता !’ हिन्दुओं को ऐसा प्रतीत होता है !
यह सच है कि कृष्ण आएगा, परंतु उसके लिए हमें ‘अर्जुन’ बनने की आवश्यकता है। ‘अर्जुन’ बनने के लिए हिन्दुओं को प्रथम ‘धर्माचरण’ करने की आवश्यक है’, श्री. रामकृष्ण वेदांतम् ने ऐसा प्रतिपादित किया। वे, हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से नल्लगोंडा के टी.टी.डी. कल्याण मंडप में आयोजित ‘हिन्दू धर्मजागृति सभा’ को संबोधित कर रहे थे।
इस सभा को हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. चेतन जनार्दन एवं हिन्दू जनजागृति समिति प्रणित रणरागिणी शाखा की श्रीमती विनुता शेट्टी ने भी संबोधित किया। इस सभा में ३७५ से भी अधिक धर्माभिमानी उपस्थित थे।
सभा में श्री. चेतन जनार्दन ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री ने तेलंगाना के भाग्यनगर की शासकीय भूमि इस्लामिक संशोधन केंद्र के लिए देने का घोषित किया है। इस प्रकार होनेवाला अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण रोकने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ की आवश्यकता है !’
श्रीमती विनुता शेट्टी ने कहा कि, ‘आज सभी क्षेत्रों में महिलाओं पर अत्याचार एवं बलात्कार बढ रहे हैं; परंतु इस ओर प्रशासन अथवा सुरक्षा यंत्रणा दुर्लक्ष कर रहें हैं। इसलिए महिलाओं को स्वयं की रक्षा स्वयं करने हेतु स्वसंरक्षण प्रशिक्षण लेना आवश्यक है !’
क्षणिकाएं
१. नल्लगोंडा में अभी तक अनेक कार्यक्रम संपन्न हुए, परंतु इतनी बडी संख्या में कभी उपस्थिति नहीं थी ! प्रथम ही इतनी बडी संख्या में विशेषत: महिलाएं हिन्दू धर्मजागृति सभा में उपस्थित थीं। श्री. रामकृष्ण वेदान्तम् ने भी कहा कि, ‘सभा में लक्षणीय उपस्थिति थी !’
२. सभा के उपरांत आयोजित आढावा बैठक में एक धर्माभिमानी ने कहा कि, ‘नल्लगोंडा में वर्ष १९६४ में कठिन परिस्थिति उत्पन्न हुई थी। उसी प्रकार आज भी वैसी ही स्थिति उत्पन्न हुई है। ऐसे कठिन कालावधि में ईश्वर ने हिन्दू जनजागृति समिति को यहां भेजा है। हिन्दू जनजागृति समिति को हमारा पूरा समर्थन है !
३. कुछ हिन्दुत्वनिष्ठों ने कहा कि, ‘भविष्य में यदि नल्लगोंडा में हिन्दुत्व के संदर्भ में कुछ कार्य होगा, तो वह केवल हिन्दू जनजागृति समिति के माध्यम से ही होगा !’
४. २ स्थानीय समाचारवाहिनियों के प्रतिनिधियों ने सभा का चित्रीकरण किया एवं दूसरे दिन उसका प्रसारण भी किया।
५. ‘हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओंद्वारा नियोजन कुशलता, प्रसार करना एवं गलतियों का अभ्यास करना, यह सब सिखने के लिए हमारे १० युवकों को उनके पास भेजना चाहिए !’ ऐसा यहां के एक प्रसिद्ध व्यक्ति ने कहा।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात