‘खडकवासला जलाशय रक्षा अभियान’
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हिन्दुओं, इस सफलता के लिए ईश्वर के चरणों में कृतज्ञता व्यक्त करें !
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खडकवासला जलाशय रक्षा हेतु संघटित होनेवाले हिन्दुओं का अभिनंदन !
पुणे : समाज सहायता एवं पर्यावरण रक्षा का भान रखते हुए चलाया जानेवाला खडकवासला जलाशय रक्षा अभियान धुलिवंदन के दिन अर्थात १३ मार्च के दिन शत प्रतिशत सफल हुआ !
विगत १४ वर्ष सफलतापूर्वक चलाए जा रहे इस अभियान का प्रारंभ इस वर्ष भी जलदेवता के प्रति भावपूर्ण प्रार्थना कर किया गया। सुबह ९ से सायंकाल ७ बजे तक हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता, कमिन्स इंडिया आस्थापन के अधिकारी, कर्मचारी, साथ ही स्थानीय ग्रामवासी खडकवासला जलाशय के चारों ओर मानवीय शृंखला बनाकर खडे थे। इस समय रंग खेलकर जलाशय में उतरने के लिए प्रयासरत युवकों का उद्बोधन किया गया, साथ ही उनको होली, रंगपंचमी, साथ ही धुलिवंदन त्यौहारों का धर्मशास्त्र एवं उत्सवों के उद्देश्य के संदर्भ में अवगत कराया गया।
१. जिलाधिकारी श्री. सौरभ राव ने खडकवासला जलाशय रक्षा हेतु चलाए जा रहे अभियान का संज्ञान लेकर रंग खेलकर जलाशय में उतरने के लिए प्रयासरत लोगों, युवकों को जलाशय में उतरने पर प्रतिबंधित किया।
२. ह.भ.प. विद्यानंद महाराज एवं ह.भ.प. विठ्ठलानंद महाराज के हाथों श्रीफल चढ़ा कर इस अभियान का उद्धाटन किया गया।
३. इस अवसरपर ‘योद्धा संन्यासी : विवेकानंद’ इस नाटक के निर्माता एवं निर्देशक श्री. दामोदर रामदासी, शिवसेना पार्षद श्रीमती सुनीता खंडाळकर, सिंचाई विभाग के श्री. धोंडीभाऊ भागवत, सनातन संस्था के श्री. प्रवीण नाईक, गोर्हे बुद्रुक के सरपंच श्री. सचिन पासलकर एवं हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. कृष्णाजी पाटिल उपस्थित थे।
४. स्थानीय ग्रामवासियोंसहित अनेक लोगों ने इस अभियान को सहयोग दिया।
रंगना ही है, तो भगवान श्रीकृष्ण के चिंतन में रंगिए ! – ह.भ.प. विद्यानंद महाराज
पानी तो जीवन होता है। पानी का प्रदूषण करने का अर्थ मनुष्यजीवन की हानी करने जैसा है। रासायनिक रंग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। हिन्दुओं के त्यौहार-उत्सवों के पीछे होनेवाले उद्देश्यों को समझ कर उनको मनाया जाना चाहिए। यदि रंगना ही है, तो रासायनिक रंगों के स्थानपर नामस्मरण एवं भगवान श्रीकृष्ण के चिंतन में रंगिए। उससे हमारे मनुष्यजीवन का सार्थक होगा !
दुर्गणों से समाज की रक्षा होनी चाहिए ! – ह.भ.प. विठ्ठलानंद महाराज
आज त्यौहार-उत्सवों के पीछे होनेवाला उद्देश लुप्त होकर, केवल एक परंपरा का पालन करना एवं मौजमस्ती करने तक ही सीमित रह गया है। हम धर्म के सामर्थ्य को ही भूल गए हैं। उसे जागृत करने हेतु समितिद्वारा चलाया जा रहा यह अभियान प्रशंसनीय है ! अतः दुर्गुणों से समाज की रक्षा करने का कार्य अब तीव्र गति से करना चाहिए, ऐसा उन्होंने कहा।
सृष्टि की रक्षा करनी आवश्यक ! – श्री. दामोदर रामदासी
हिन्दू धर्म में ‘जल’ का अनन्यसाधारण महत्त्व है। जल ऊर्जा वाहक है। हम हिन्दू सृष्टि के पूजक हैं, इसलिए सृष्टि की रक्षा करना, हमारा प्रथम दायित्व है !
श्री. भागवत ने समितिद्वारा चलाया जा रहा यह अभियान प्रशंसनीय होने की भावना व्यक्त की। सनातन संस्था के श्री. प्रवीण नाईक ने अपना मनोगत व्यक्त करते हुए, हिन्दुओं के धार्मिक उत्सवों, त्यौहारों के समय धर्मविरोधियोंद्वारा किए जानेवाले बुद्धिभेद को तोड डालने हेतु हिन्दुओं के लिए धर्मशिक्षा लेना एवं संघटित होने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अभियान को सफल बनाने के लिए सर्वश्री स्वप्नील धनवडे, संतोष देवकर, सागर मते, पूज्यपाद संतश्री आसाराम बापू संप्रदाय के श्री. अरुण बेलुसे, श्री. जयगुरु मते, आर्ट ऑफ लिव्हिंग के श्री. बापू सांदणे इन सब का अनमोल सहयोग प्राप्त हुआ।
क्षणचित्र
१. खडकवासला जलाशय मार्ग पर पुलिस प्रशासन की ओर से जांच हेतु एक ‘चेक पोस्ट’ खडा किया गया था। वहां रंग खेलकर आनेवाले लोगों, युवकों को आगे जाने से रोका जा रहा था।
२. श्री. दामोदर रामदासी उद्धाटन सत्र के पश्चात अभियान में भी सम्मिलित हुए थे।
३. सिंचाई विभाग की ओर से अभियान के संदर्भ में उद्घोषणाएं कर जनजागृति करनेवाली ऑटोरिक्षा परिसर में घूमायी जा रही थी।
४. नागरिकों ने भी समिति के इस अभियान की प्रशंसा की।
५. विधायक श्री. रमेश वांजळे प्रतिष्ठान एवं श्रीराम बॉईज संघटन के कार्यकर्ता स्वयंस्फूर्ति से अभियान में सम्मिलित हुए थे।
६. ह.भ.प. अनंता महाराज देशमुख, भाजपा के श्री. राजाभाऊ भूमकर, गोर्हे बुद्रुक के पूर्व उपसरपंच श्री. सुशांत खिरीड एवं भाजयुमो के श्री. संतोष परदेशी ने भी आंदोलन का अवलोकन किया।
७. तहसिलदार श्री. पिसाळ को सनातनद्वारा प्रकाशित ‘वनस्पतियों के औषधीय गुणधर्म’ यह ग्रंथ, भेंट किया गया।
हवेली तहसिल के तहसिलदारद्वारा गौरवोद्गार – ‘हिन्दू जनजागृति समिति का कार्य प्रशंसनीय !’
हवेली तहसिल के तहसिलदार श्री. प्रशांत पिसाळ ने ‘खडकवासला जलाशय रक्षा अभियान’स्थल का भ्रमण किया। इस समय उन्होंने कहा कि, समिति के कार्यकर्ता केवल प्रसिद्धि हेतु नहीं, अपितु वास्तविक रूप में तडप एवं लगन के साथ कार्य कर रहे हैं। समिति विगत १४ वर्षों से स्वयंस्फूर्ति के साथ काम कर रही है, यह प्रशंसनीय है।
इसके आगे भी इस अभियान के लिए केवल कार्यालयीन सहायता के रूप में नहीं, अपितु प्रशासनद्वारा और अधिक सहायता की जाएगी !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात