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रंगपंचमी के दिन जलप्रदूषण रोकने के लिए खडकवासला जलाशय के पास बनाई गई मानवी शृंखला !

‘खडकवासला जलाशय रक्षा अभियान’ सफलता से शत प्रतिशत संपन्न !

जलसंवर्धन करने की कार्यकर्ताओं ने ली प्रतिज्ञा !

पुणे : पुरे शहर की जलआपूर्ति करनेवाला खडकवासला जलाशय का रक्षा अभियान शत प्रतिशत सफलता से संपन्न हुआ है !

धुलिवंदन तथा रंगपंचमी के दिन रासायनिक रंगों के कारण होनेवाला जल प्रदूषण प्रतिबंधित करने हेतु ‘खडकवासला जलाशय रक्षा अभियान’ आयोजित किया गया था। विगत १४ वर्षों से इस अभियान को शत प्रतिशत सफलता मिल रही है। इस १५ वे वर्ष भी यह अभियान पूरी तरह से सफल हुआ है। रंगपंचमी के दिन प्रातः जलदेवता को प्रार्थना कर यह अभियान प्रारंभ हुआ। आज के इस अभियान की विशेषता यह है कि, उपस्थित कार्यकर्ता तथा मान्यवरों ने जलप्रदूषण रोकने की तथा पानी का उपयोग अल्प मात्रा में करने की प्रतिज्ञा ली !

१. हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता, सनातन के साधकों के साथ ‘कमिन्स इंडिया लिमिटेड’ इस आस्थापन के कर्मचारी तथा स्थानीय ग्रामस्थ भी आज के इस अभियान में सक्रियता से सम्मिलित हुए थे।

२. प्रशासन की ओर से जलाशय में, रासायनिक रंगों से खेलकर स्नान हेतु, साथ ही पानी में खेलने हेतु आनेवालों को प्रवेश करने के लिए प्रतिबंधित किये जाने के कारण की उनकी संख्या अल्प मात्रा में थी। इस वर्ष पुणे के जिलाधिकारी श्री. सौरभ राव ने भी एक पत्रकार परिषद आयोजित कर घोषित किया था कि, ‘रंग खेलकर जलाशय का पानी दूषित करने के संदर्भ में प्रतिबंध लगाया गया है !’

३. भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा का पूजन तथा जलदेवता को प्रार्थना कर अभियान प्रारंभ हुआ। उस समय पाटबंधारे विभाग के श्री. धोंडीभाऊ भागवत तथा शाखा अभियंता श्री. राजकुमार क्षीरसागर ने भी अभियान स्थल पर भेंट दी।

रंगपंचमी के दिन उपस्थित कार्यकर्ता, ग्रामस्थ तथा मान्यवरों ने जलरक्षा की प्रतिज्ञा की। ‘पानी जीवन है तथा उसका उपयोग मैं अल्प मात्रा में तथा आवश्यकता नुसार करूंगा। पानी का अपव्यय तथा दुरुपयोग नहीं करूंगा। प्राकृतिक प्रवाह, जलाशय, जलाशय तथा पानीपूर्ति की मूलभूत सुविधाओं की मैं रक्षा करूंगा। पानी के संदर्भ के अधिनियम तथा नियमों का पालन पूरीतरह से करूंगा। पानी का संवर्धन एवं जतन करने का प्रयास मैं करूंगा !’, ऐसा दृढ़ निर्धार कार्यकर्ताओं ने किया।

क्षणचित्र

१. पाटबंधारे विभाग की ओर से ऑटोरिक्शा पर ध्वनिवर्धक के माध्यम से, जलाशय में प्रवेश न करने के संदर्भ में उद्घोषणा की जा रही थी।

२. १२ से १७ मार्च की कालावधी में आकाशवाणी पर भी इस अभियान के संदर्भ में प्रतिदिन ३ मिनट का प्रसारण किया जा रहा था।

सिंहगड महाविद्यालय के छात्रों का भी इस अभियान में सहभाग रहा

विशेष : कोंढवा के सिंहगड महाविद्यालय के अभियांत्रिकी शाखा के कुछ छात्र जलाशय परिसर में सफर करने हेतु आए थे। उन्हें जलरक्षा अभियान के संदर्भ में पता चलने के पश्चात छात्रों का एक गुंट कुछ समय के लिए हाथ में प्रबोधनात्मक फलक पकडकर सम्मिलित हुआ था !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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