जंतरमंतर पर ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’
नई देहली : करोडो हिन्दुओं का आस्थास्त्रोत ‘अयोध्या’ प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि है ! यह निर्णय वर्ष २०१० में इलाहाबाद उच्च न्यायालयद्वारा दिया गया था। फिर भी अभी तक इस पवित्र भूमि में हिन्दुओं को पूजा करने की अनुमति नहीं दी गई है। पिछले १५ वर्षो में उत्तरप्रदेश में हिन्दुविरोधी दलों की सत्ता होने के कारण यहां हिन्दुओं को पूजा करने का अधिकार नहीं मिल रहा था; परंतु अब केंद्र एवं राज्य दोनों स्थान पर भाजपा की बहुमतवाली सरकारे हैं। इसलिए अब श्रीरामजन्मभूमि के स्थल पर हिन्दुओं को पूजा करने का अधिकार मिले, इस हेतु समस्त हिन्दुत्वनिष्ठ संघटनोंद्वारा १५ अप्रैल को जंतरमंतर पर ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ किया गया।
इस आंदोलन में बजरंग दल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, वाल्मिकी समाज, हिन्दू संहति, हिन्दू जनजागृति समिति, रणरागिणी शाखा, सनातन संस्था आदि संघटनों के कार्यकर्ता सम्मिलित हुए थे।
आंदोलन में की गई अन्य मांगें . . .
१. देश में अवैध रूप में घुसे रोहिंग्या मुसलमानों को तत्काल देश बाहर करें !
२. भारतीय निवृत्त नौदल अधिकारी कुलभूषण जाधव को त्वरित मुक्त करा कर पाकिस्तान को ‘जैसे को तैसा’ उत्तर दें !
३. अंदमान-निकोबार इन बेटों के साथ पूरे देश के नगर, सभागृह, मार्ग, स्थानक आदि को दिए गए विदेशी नाम बदल कर मूल भारतीय नाम रखें जाए !
४. बोधन (तेलंगाना) के इंद्रनारायण मंदिर पर बलपूर्वक अधिकार जमा कर बनाई गई ‘देवल मस्जिद’ को पुरातत्व विभागद्वारा पुनः हिन्दू मंदिर घोषित करें !
वैशिष्टयपूर्ण
आंदोलन स्थल पर भारद्वाज पक्षी एवं गरुड आए थे। इसलिए इस आंदोलन में अनेक आंदोलनकारियों को ऐसा प्रतीत हुआ मानों साक्षात श्रीविष्णू का आशीर्वाद प्राप्त हुआ हो !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात