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पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समितिद्वारा ‘सामाजिक सहायता निधि’ के लिये २ करोड़ रुपयों का प्रावधान किए जाने का प्रकरण
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भक्तोंद्वारा समर्पित धनराशि का उपयोग केवल धार्मिक कार्य हेतु ही उपयोग करने की मांग !
कोल्हापुर (महाराष्ट्र) : पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समितिद्वारा वर्ष २०१७-१८ के अपने अर्थसंकल्प में सामाजिक सहायता हेतु २ करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है। भक्तोंद्वारा समर्पित धनराशि का उपयोग धार्मिक कार्य हेतु न करते हुए उसका उपयोग सामाजिक कार्य हेतु करने का अर्थ मूल उद्देश्य को कालिख पोंछने जैसा ही है ! अतः पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति की ओर से वर्ष २०१७-१८ के अपने अर्थसंकल्प में सामाजिक सहायता राशि के लिए किए गए प्रावधान को निरस्त कर उसका उपयोग धार्मिक कार्य हेतु ही करने की मांग को लेकर रविवार, १६ अप्रैल को यहां के छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर श्री महालक्ष्मी देवस्थान भ्रष्टाचारविरोधी कृति समिति की ओर से ‘घंटानाद आंदोलन’ चलाया गया।
इस अवसरपर विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संघटन, राजनीतिक दल एवं संप्रदायोंसहित १४० से भी अधिक हिन्दुत्वनिष्ठ उपस्थित थे। (भक्तोंद्वारा समर्पित धनराशि का उपयोग धार्मिक कार्य हेतु किया जाए, इसके लिए आंदोलन चलानेवाली श्री महालक्ष्मी देवस्थान भ्रष्टाचारविरोधी कृति समिति का अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
आंदोलन में मान्यवरोंद्वारा व्यक्त किए गए विचार . . .
१. डॉ. मानसिंग शिंदे, सनातन संस्था : हिन्दुओं के मंदिर चैतन्य के स्त्रोत हैं। वहीं से वास्तविक ऊर्जा प्राप्त होकर उससे समाज में सात्त्विकता बढती है। आज श्री महालक्ष्मी मंदिर में शौचालय, साथ ही प्राथमिक स्तर की सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। मंदिर की धनराशि का उपयोग धर्मशिक्षा देने हेतु ही किया जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हो सकता, तो मंदिरों को भक्तों के नियंत्रण में दें !
२. श्री. किरण कुलकर्णी, शिवसेना, कागल शहर प्रमुख : पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति जैसी समितियों की स्थापना मंदिरों की धनराशिपर ध्यान रखने तथा पुरोगामियों के उपयोग के लिए ही हुई हैं। केवल हिन्दू ही सामाजिक कार्य करें; किंतु उसका लाभ केवल मुसलमान एवं ईसाई लें, ऐसी स्थिति है ! क्या, आपने कभी मस्जिदों अथवा चर्च की धनराशि का उपयोग सामाजिक कार्य हेतु होते हुए देखा है ? हिन्दू दान करें और अन्य उसे लूटें, इस स्थिति में अब परिवर्तन होना ही चाहिए। ‘एक मराठा लाख मराठा’ के माध्यम से मराठा समाज का संघटन करना प्रशंसनीय बात है; किंतु आज एक मराठा (श्री. कुलभूषण जाधव) पाकिस्तान में फंसा हुआ है। तो अब इन सभी के मुंह क्यों बंद हैं ?
३. श्री. संभाजी साळुंखे, जिलाध्यक्ष, बजरंग दल : हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा चलाया जा रहा यह अभियान बहुत अच्छा है। नींद का नाटक करनेवालों को जगाने का कार्य आज हिन्दू जनजागृति समिति कर रही है। मंदिर की धनराशि का उपयोग मंदिरों का सुधारकार्य एवं सुशोभीकरण हेतु न कर उसका सामाजिक कार्य हेतु उपयोग कर हिन्दुओं के साथ धोखाधडी की जा रही है ! कोई यदि हिन्दू धर्म के संदर्भ में कुछ भी उल्टापुल्टा बोलकर बातों का सुख लेता हो, तो उसका उत्तर उसी भाषा में दिया जाएगा !
४. श्री. महेश उरसाल, शहराध्यक्ष, बजरंग दल : गत वर्ष पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समितिद्वारा किया गया भ्रष्टाचार बाहर आ गया है। ऐसी स्थिति में देवस्थान समिति, हिन्दुओंद्वारा आस्था के स्वरुप में समर्पित की गई धनराशि का उपयोग सामाजिक कार्य हेतु कैसे कर सकती है ? इसका विरोध करना ही होगा ! आज मंदिर के स्थानपर श्रद्धालुओं के लिए सुसज्ज शौचालय न होना, साथ ही अन्य भी बहुत समस्याएं हैं। समिति को समिाजिक कार्य के प्रति इतना ही प्रेम हो, तो वो अपने वेतन से सामाजिक कार्य हेतु धन का भुगतान करें। इसके पहले भी देवस्थान समिति ने छत्रपति प्रमिलाराजे चिकित्सालय को १५ लक्ष रुपयों की सहायता राशि दी है। मंदिर को प्राप्त धनराशि का उपयोग पूजा-अर्चना, होमहवन जैसी धर्म से संबंधित बातों के लिए ही होना चाहिए !
५. श्री. संभाजी भोकरे, उपजिलाप्रमुख, शिवसेना : मंदिर में समर्पित की गई धनराशिपर अपना अधिकार दिखानेवाले शासनकर्ताओं को ही सीमापार किया जाना चाहिए। कागल (जिला कोल्हापुर) के एक जागृत मंदिर की इतनी दुरवस्था है कि, वहां बच्चों को खडे रहने के लिए भी जगह नहीं है, मंदिर पर छत नहीं है और फर्श भी नहीं है। अनेक मंदिरों की स्थिति ऐसी होते हुए भी देवस्थान समिति का मंदिर की धनराशि का उपयोग सामाजिक कार्य हेतु करने का यह निर्णय अत्यंत अयोग्य है। सभी हिन्दुओंद्वारा इसका विरोध किया जाना चाहिए !
६. श्री. सुनील पाटिल, जिलाध्यक्ष, पतित पावन संघटन : कोल्हापुर के जिलाधिकारी तो देवस्थान समिति के स्वामी नहीं हैं, अपितु वे वहां के न्यासी हैं। पहले देवस्थान समिति के नियंत्रणवाले ३ सहस्र ६७ मंदिरों का विकास करें ! अनेक लोगों को केवल श्री जोतिबा मंदिर एवं श्री महालक्ष्मी मंदिर इनको छोडकर अन्य मंदिरों की जानकारी भी नहीं है ! इसलिए शेष मंदिरों के विकास की ओर भी ध्यान देना आवश्यक है !
७. श्री. संजय कुलकर्णी, उपाध्यक्ष, हिन्दू महासभा : इसके पहले भी चलाए गए आंदोलन का संज्ञान लेकर विधायकोंद्वारा उसके लिए विधानसभा में आवाज उठाई गई और अब उसपर आगे की प्रक्रिया चल रही है, यह इस आंदोलन की सफलता है !
८. श्री. किरण दुसे, हिन्दू जनजागृति समिति : आज अनेक हिन्दू अनेक सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से कार्य कर रहे हैं; इसलिए श्री महालक्ष्मी मंदिर में हिन्दू श्रद्धालुओंद्वारा समर्पित धनराशि का उपयोग केवल धार्मिक कार्य के लिए ही किया जाना चाहिए। देवस्थान समितिद्वारा यदि इस निर्णय को निरस्त नहीं किया गया, तो उसके विरोध में राज्यव्यापी आंदोलन चलाया जाएगा !
उपस्थित मान्यवर
पतित पावन संघटन के श्री. आकाश नवरूखे, हिन्दू महासभा के शहराध्यक्ष श्री. सुधाकर सुतार, श्री महालक्ष्मी देवस्थान भ्रष्टाचारविरोधी कृति समिति के सदस्य श्री. एस.बी. देवणे, भाजपा के शहरप्रमुख श्री. वडणगे, शिवसेना के उपशहरप्रमुख श्री. शशी बिडकर, रेंदाळ के श्री. ओमराज माळवदे एवं सनातन संस्था की डॉ. (श्रीमती) शिल्पा कोठावळे आदि
आंदोलन के समय में दी गई घोषणाएं . . .
- हिन्दुओं से एक न्याय और अन्य धर्मियों से एक न्याय नहीं चलेगा, नहीं चलेगा !
- मंदिरों का सरकारीकरण और अन्य धर्मियों के प्रार्थनास्थलों को खुली छूट नहीं चलेगी, नहीं चलेगी !
विशेष !
१. सभी हिन्दू धर्माभिमानी कडी धूप में भी आंदोलन के अंततक उपस्थित थे !
२. आंदोलन के विषय को जान लेने के पश्चात आनेजानेवालों में से कुछ हिन्दू धर्माभिमानी स्वयंस्फूर्ति से आंदोलन में सम्मिलित हुए !
३. इस आंदोलन का ‘फेसबुक लाइव्ह’ के माध्यम से सीधा प्रसारण किया गया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात