नालासोपारा में ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ !
नालासोपारा : यहां के पंचमुखी हनुमान मंदिर के पास ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ आयोजित किया गया था। उस समय हिन्दू गोवंश रक्षा समिति के श्री. दिप्तेश पाटिल ने अपने वक्तव्य में ऐसा प्रतिपादित किया कि, ‘भारतीय नौसेना के निवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव पर झूठा आरोप लगाकर बंदी बनाया गया है। उन्हें दिया गया फांसी का दंड यदि पाकिस्तान ने निरस्त नहीं किया, तो आगे एक भी पाकिस्तानी को भारत में पैर रखने नहीं देंगे, साथ ही भारत में आए हुए पाकिस्तानियों को भी उनके देश में भेज दिया जाएगा !’
उस समय ये मांगें भी की गई कि, ‘अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माणकार्य शीघ्रातिशीघ्र आरंभ करें’, ‘भारत के शहरों, गांवों, तहसिलें, पुरातन वास्तुएं तथा रेलस्थानकों को दी गईं विदेशी आक्रमकों के नाम बदल डालें’
इस आंदोलन में बजरंग दल, योग वेदांत सेवा समिति, श्री बजरंग सेवा दल, शिवसेना, मातृभूमि प्रतिष्ठान, सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता सम्मिलित हुए थे।
हिन्दुत्वनिष्ठोंद्वारा व्यक्त किए गए विचार . . .
श्री. प्रशांत वैती, हिन्दू जनजागृति समिति : सदैव पाकिस्तानी कलाकार तथा खिलाडियों के पक्ष में रहनेवाले तथाकथित धर्मनिरपेक्षतावादी अब चूप क्यों बैठे हैं ? पाकिस्तानियों का लागूंलचालन करनेवाले फिल्म जगत के ‘शांतिदूत’ अब जाधव फांसी का साधा निषेध करने के लिए भी आगे आकर नेतृत्व क्यों नहीं कर रहे हैं ?
श्री. सूर्यभान सिंग, श्री बजरंग सेवा दल : हमारा दुर्भाग्य है कि, हम यहां चैन से जी रहे हैं; किंतु हमारे सभी के आराध्यदैवत प्रभु श्रीराम एक छोटेसे तंबू में दिन व्यतीत कर रहे हैं। ‘जय श्रीराम’ का उच्चारण करते समय हर बार हमें यह बात ध्यान में आनी चाहिए !
डॉ. सुजित यादव, हिन्दुत्वनिष्ठ : आज भारत के अनेक राज्यों में हिन्दुत्वनिष्ठ विचारों का सरकार होते हुए भी भारत के अलग अलग क्षेत्रों में होनेवाले मुगलों तथा विदेशी आक्रमकों के नाम अभीतक परिवर्तित नहीं किए गए हैं। यदि ये नाम परिवर्तित नहीं किए जाएंगे, तो हम आंदोलन करेंगे !
श्री. उमेशचंद्र दुबे, हिन्दुत्वनिष्ठ : श्रीराम मंदिर का निर्माणकार्य शीघ्रातिशीघ्र आरंभ करने के लिए समस्त हिन्दुओं को संघटित होना चाहिए। हिन्दुओं में संघटितता का अभाव होने के कारण ही प्रभु श्रीराम आज अयोध्या में एक तंबू में निवास कर रहे हैं ! हिन्दुओं ने श्री रामचरितमानस का अभ्यास कर कार्य आरंभ करना चाहिए !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात