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मंदिरोंकी सुव्यवस्थाके लिए प्रयास करें !

हिंदू अपने अर्थार्जनसे मंदिरोंकी सेवाके रूपमें धन अर्पण करते हैं । देहली शासनने नई देहलीके ६ प्रमुख धनी मंदिरोंपर ध्यान केंद्रित किया था । इस…

‘मंदिरोंके सरकारीकरण’ का महाराष्ट्रमें किया गया विरोध !

वर्ष २००४ में महाराष्ट्र शासनने ‘मंदिर सरकारीकरण दंडविधान (कानून)’ बनानेका प्रस्ताव रखा । तबसे हम इसके विरुद्ध आंदोलन कर रहे हैं । ‘यह प्रस्तावित विधान…

धर्मनिरपेक्ष विचारधाराका राष्ट्र नहीं, धर्माधिष्ठित ‘हिंदू राष्ट्र’ ही चाहिए !

यह देश तथा संस्कृति हिंदुओंकी है । भारतका धर्म भी हिंदू है । इसलिए हिंदू राष्ट्र बनना ही चाहिए । – डॉ. नील माधव दास,…

भारतको चुनौती देनेवाली दो प्रमुख समस्याएं : बांग्लादेशी घुसपैठिए एवं माओवादी

३ करोड स्थनांतरित बांग्लादेशी भारतकी सुरक्षाको संकटमें डाल रहे हैं । ‘आई.एस्.आई.’ एवं ‘डी.जी.एफ्.आई.’ जैसे संगठन भारतकी आंतरिक व्यवस्थाका नाश कर ‘बृहन् बांग्लादेश’ निर्माण करनेके…

समाजवादी दलकी सरकारद्वारा भगवान श्रीकृष्णकी मथुरा नगरीको तीर्थक्षेत्र घोषित करनेमें टालमटोल

धार्मिक मथुरा नगरीको `तीर्थक्षेत्र’ घोषित करने हेतु सरकारद्वारा टालमटोल की जाती है । मथुराके विधायकद्वारा विधानसभाके अगले अधिवेशनमें यह सूत्र उपस्थित करनेका विचार किया जा…

मंदिर विधेयकके समर्थनार्थ कश्मीरी हिंदुओं द्वारा मोर्चा !

कश्मीर घाटीमें मंदिरोंकी देखभाल करनेवाली संस्थाकी स्थापना करने हेतु मंदिर विधेयक तुरंत सम्मत हो, यह मांग करते हुए कश्मीरी हिंदुओंद्वारा शहरमें मोर्चा निकाला । काश्मीरी…

असममें बांगलादेशी घुसखोरोंको सुरक्षा प्रदान करनेवाला राष्ट्रघाती आइएमडीटी अधिनियम !

१९८३ में संसदमें आइ.एम.डी.टी. पारित किया गया था । इस अधिनियम द्वारा असममें बांगलादेशी घुसपैठी मुसलमानोंके रहनेकी पूरी व्यवस्था की गई ।