Menu Close

माताओं-बहनों एवं श्रद्धास्थानोंकी रक्षा करना हिंदुओंका धर्मकर्तव्य है ! – राजासिंह ठाकुर

हिंदुओंकी मां-बहन, मठ, मंदिर, गोमाता, इन सभी श्रद्धास्थानोंकी रक्षा करना हिंदुओंका धर्मकर्तव्य ही है ।

हिंदू राष्ट्रकी स्थापनाके लिए श्रीराम एवं श्रीकृष्णका आदर्श लेना चाहिए – आचार्य योगेश शास्त्री

हिंदू राष्ट्रकी निर्मितिके लिए क्षात्रतेज समान ही ब्राह्मतेजकी भी आवश्यकता है । इसके लिए हिंदुओंको श्रीराम एवं श्रीकृष्णका आदर्श लेना चाहिए ।

हिंदुओंको शांति तथा सुरक्षा प्राप्त करवानेके लिए मूल्य चुकाना ही पडेगा! – श्री. तपन घोष

लडनेके लिए हिंदुओंको मानसिकरूपसे सिद्ध करनेकी आवश्यकता है । शांति तथा सुरक्षा प्राप्त करनेके लिए मूल्य चुकाना ही पडता है ।

जिजाऊ समान माता बननेका निश्चय, अर्थात उनका स्मृतिदिन मनाना

समस्त माताएं यह संकल्प करें कि हम हमारे बच्चोंको शिवरायके समान विकसित करनेका प्रयास करेंगी एवं हिंदु राष्ट्रकी स्थापनाके कार्यमें सहभागी होंगी !

‘काजू मोदक’ बनानेवाले संस्थानोंकी ओरसे वेष्टनोंपर मुद्रित श्री गणेशका चित्र हटानेका निर्णय

समितिद्वारा किए गए आवाहनको सकारात्मक प्रतिसाद दर्शाते हुए काजू मोदक’का उत्पादन करनेवाले संस्थानोंकी ओरसे वेष्टनोंपर मुद्रित श्री गणेशका चित्र हटानेका अभिनंदनीय निर्णय लिया गया है…

समितिके प्रबोधनके कारण हिंदुओंमें कश्मीरी हिंदुओंके प्रति धर्मबंधुत्वकी भावना

हिंदू जनजागृति समितिने कश्मीरी हिंदुओं पर हुए अत्याचारोंके छायाचित्र प्रदर्शनीको कई राज्योंमें २६३ स्थानोंपर दिखाया । इससे हुए प्रबोधनके कारण कश्मीरी हिंदुओंका मनोबल बढा ।

हिन्दू अधिवेशन के आयोजनद्वारा हिंदू राष्ट्र स्थापनाका शुभारंभ – डॉ. सच्चिदानंद शेवडे

समितिद्वारा अखिल भारतीय हिंदू अधिवेशन आयोजित करके हिंदू राष्ट्रकी स्थापनाका शुभारंभ हुआ है, ऐसा मत राष्ट्रीय प्रवचनकार डॉ. सच्चिदानंद शेवडेने यहां व्यक्त किया ।

हिंदुसंगठनके द्वारा ही गोरक्षा जैसे समस्याओंपर मात करना संभव होगा

अखिल भारतीय हिंदू अधिवेशनकेअगले दिनके अंतिम सत्रमें ‘गोरक्षा’ विषयपर गुटचर्चाका आयोजन किया गया था । इस समस्यापर मात करना परिणामकारक हिंदूसंगठनद्वारा ही संभव होगा ।

हिंदुओंको मार्गदर्शन करनेके लिए ‘हिंदू भवन’ होना चाहिए ! – प्रमोद मुतालिक, अध्यक्ष, श्रीराम सेना

मुसलमान और ईसाइ दोनों धर्मियोंके लिए मस्जिद एवं चर्च केंद्रबिंदू हैं । हिंदुओंको मार्गदर्शन करनेके लिए ‘हिंदू भवन’की संकल्पना कृतिमें लाना आवश्यक है |

अधिवेशनके दूसरे दिनके कुछ चुनिंदा क्षण !

अधिवेशनके दूसरे दिन भी सभागृहके दार्इं ओरकी भीतपर (दीवारपर) हिंदुओंके पराक्रमी इतिहासका स्मरण करवानेवाले अर्थात क्षात्रतेज जागृत करनेवाले प्रसंगोंका फलक लगाया गया था ।