गोरिल्ला स्टाइल से लड़ते थे मराठा योद्धा, खतरनाक हथियारों से लाए थे क्रांति

पहाड़ी इलाकों में मराठों को मजबूत माना जाता है। इसी लिए उन्हें दुश्मनों से लड़ने के लिए गोरिल्ला जैसे हथियारों का इस्तेमाल करने पड़ते थे, जो काफी खतरनाक होते हैं, क्योंकि जब उनकी सेना रात के समय पहाड़ों की ओर युद्ध के लिए निकलती थी तो कोई उनपर अंधेरे में हमला न कर दे इसलिए वो धारदार हथियारों से लबरेज होकर चलते थे। Read more »

मडगांव विस्फोटकी घटनामें साधकों हेतु कष्टदायक सिद्ध हुआ पुलिस पूछताछका स्वरूप !

मडगांवमें विस्फोट होनेके पश्चात समाज, राष्ट्र एवं धर्मके उद्धार हेतु प्रयास करनेवाले तथा घटनासे कुछ भी संबंध न होनेवाले सनातनके साधकोंकी गोवा, महाराष्ट्र तथा कर्नाटककी पुलिसद्वारा की गई आतंकवादी पूछताछ जैसी पूछताछ Read more »

भारत में बहुत हैं सेहत को धुएं में उड़ाने वाली महिलाएं, दूसरा है हमारा नंबर

आपको जानकर हैरत होगी कि स्मोकिंग के मामले में भारतीय महिलाएं दुनिया भर में दूसरे नंबर पर है | एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में १ करोड़ २१ लाख महिलाएं धूम्रपान करती हैं | इस मामले में भारत से आगे सिर्फ अमेरिका ही है | Read more »

केवल आंदोलनोंसे नहीं; अपितु समाजकी मानसिकतामें परिवर्तन होनेपर ही भ्रष्टाचारका निर्मूलन होगा !

शासनकी धूर्त राजनीतिके कारण ज्येष्ठ समाजसेवक श्री. अण्णा हजारेके आंदोलनोंसे निर्मित भ्रष्टाचारविरोधी प्रक्षुब्ध वातावरण कुछ मात्रामें ढीला होता जा रहा है । सभी भ्रष्टाचारी शासनतंत्र भी अनेक वर्षोंसे प्रचलित पद्धतिनुसार पुनः क्रियान्वित हो गए हैं । Read more »

मडगांव विस्फोट घटना : ‘दिगंबर’ बनी पुलिस तथा कांग्रेस ! – श्री. विक्रम विनय भावे

३१ दिसंबर २०१३ को गोवाके विशेष न्यायालयने मडगांव विस्फोटकी घटनामें सनातनके सभी छह साधकोंको निर्दोष मुक्त किया । विस्फोटके समय सनातनकी ‘सुपारी’ लेकर छाती पीटनेवाले चैनलवालोंके अभियोगका परिणाम सुनकर सधी चुप्पी तोडने तथा पुलिसके कान साफ करने हेतु … Read more »

पाश्चात्त्योंमें पापकर्म हेतु दी जानेवाली दंड पद्धतिकी अपेक्षा हिंदु धर्ममें लिया जानेवाला प्

लोकमान्य तिलककी वह पंचहौद मिशन, पुणेकी घटना ! वहां उन्होंने एक वार्ताकारपरिषदमें ईसाई लागोंके हाथसे चाय बिस्कुट खाए; अत: … Read more »

‘सनातन’ निर्दोष ! अग्निदिव्य हिंदुओंके भाग्यमें ही लिखा है !

३१ दिसंबरको सनातनके ६ साधकोंको मडगाव विस्फोट प्रकरणसे निर्दोष मुक्त किया गया । इस विषयमें दैनिक सामनाद्वारा प्रकाशित संपादकीय यहां दे रहे हैं . . . Read more »

वियतनामका आदर्श: छत्रपति शिवाजी महाराज

दक्षिण पूर्वका वियतनाम जैसा छोटा देश अपनी स्वतंत्रता हेतु वर्षोंसे अण्वस्त्र सिद्ध, विश्वके सबसे बलाढ्य अमेरिकाके साथ लडता रहा तथा केवल छत्रपतिद्वारा प्रक्षेपित प्रेरणाके बलपर जीता भी । Read more »

हिंदु राष्ट्र स्थापित करनेकी अनिवार्यता !

लगभग ४०० वर्ष पूर्व भारतका समाजजीवन अस्तव्यस्त था । जनजीवन हृदय पिघलानेवाला था । पूरे राष्ट्र निःसत्त्व, अस्तव्यस्त एवं मृतप्राय था । देशपर यवनी अत्याचार बढ गए थे । Read more »

हमने ही कांटोवाला बबूलका बीज बोया, तो उसके फल मीठे कैसे रहेंगे ?

१९४७ में पाकिस्तान मुसलमान राष्ट्र एवं भारत ‘हिंदु राष्ट्र’ के रूपमें माना जाता था । उस समयके नेताओंने भारतको धर्मनिरपेक्षताका पोशाक चढाया । धर्मनिरपेक्षता घायल देशके रूपमें कितनी सार्थक सिद्ध हुई है । मतपेटीकी राजनीतिने मानसिकता आज आतंकवाद, विघनटनवाद, तोडफोड तथा मारपीटतक पहुंच गई है । Read more »

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