इस मंदिर के कुंड का पानी आपदा से पहले हो जाता है काला !

कश्मीर स्थित खीर भवानी मंदिर श्रीनगर से महज २७ किलोमीटर दूर तुल्ला मुल्ला गांव में स्थित है। इस मंदिर में मां को खीर प्रसाद के रूप में चढ़ाई जाती है, इसलिए इस मंदिर को खीर भवानी मंदिर कहा जाता है। Read more »

इस शिवजी के मंदिर में लगातार बढ रहा है नंदी का आकार, इस रहस्य के आगे विज्ञान ने भी टेके घुटने !

आज हम बात करेंगे आंध्रप्रदेश के एक ऐसे मंदिर की जहां के रहस्य ने विज्ञान को भी सोचने को मजबूर कर दिया है |   Read more »

आनेवाले प्रलय का संकेत देता है उत्तराखंड का नरसिंह मंदिर !

देवभूमि उत्तराखंड के चमोली जिले में एक ऐसा मंदिर है जो हमेशा प्रलय के संकेत देता है । नरसिंह मंदिर जोशीमठ के नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर भगवान नरसिंह को समर्पित है, जो लक्ष्मीपति भगवान विष्णु के चौथे अवतार हैं । Read more »

२२०० वर्ष प्राचीन है बम्लेश्वरी मंदिर का इतिहास, यहां बसा था ये प्राचीन नगर

मां बम्लेश्वरी देवी का इतिहास लगभग २२०० वर्ष पुराना है । डोंगरगढ से प्राप्त भग्नावशेषों से प्राचीन कामावती नगरी होने के प्रमाण मिले हैं । पूर्व में डोंगरगढ ही वैभवशाली कामाख्या नगरी कहलाती थी । Read more »

वीरुपाक्ष मंदिर

वीरुपाक्ष मंदिर भारत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है तथा इस मन्दिर का संबंध इतिहास प्रसिद्ध विजयनगर साम्राज्य से है। यह मंदिर कर्नाटक राज्य, हम्पी में स्थित है। यह मंदिर भगवान विरुपक्ष और उनकी पत्नी देवी पंपा को समर्पित है विरुपक्ष, भगवान शिव का ही एक रूप है ! Read more »

मोक्षदायिनी उज्जैन के महाकालेश्वर समेत मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध शिव मंदिर

महाशिवरात्रि २०१८ ! मोक्षदायिनी उज्जैन के महाकालेश्वर समेत मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध शिव मंदिरों के संदर्भ में जानकारी यहां प्रस्तुत कर रहें हैं . . . Read more »

साल के ८ महीने पानी में डूबा रहता है भगवान शिवजी का यह मंदिर, पांडवों ने किया था इसका निर्माण

पंजाब के तलवाड़ा शहर से करीब ३४ किलोमीटर की दूरी पर पोंग डैम की झील के बीच बना एक अद‌्भुत मंदिर, जो साल में सिर्फ चार महीने (मार्च से लेकर जून तक) ही नजर आता है। बाकी समय मंदिर पानी में ही डूबा रहता है। Read more »

जानिए, कितने साल पुराने पहाड पर विराजमान हैं माता वैष्णो देवी

माता वैष्णो देवी जिस पवित्र त्रिकुटा पहाड पर विराजमान हैं उसका निर्माण ५० करोड वर्ष पहले समुद्र के गर्भ में हुआ । बाद में भारतीय प्लेट के यूरेशिया की प्लेट से टकराने के कारण से यह लगभग ५ करोड वर्ष पहले बाहर आया । Read more »

महाहर धाम में पूरी होती है हर कामना, राजा दशरथ ने कराया था निर्माण

गाजीपुर जिला मुख्यालय से एनएच-२९ जो गोरखपुर होते हुए नेपाल को जाता है । इसी सडक पर पूर्व दिशा में तकरीबन ३५ किलोमीटर दूर यही वो स्थान है जो मरदह के नाम से जाना जाता है । यहां सावन में बाबा भक्तों का रेला उमडता है ।  Read more »

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