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दिल्ली – जवाहरलाल नेहरू युनिवर्सिटी में मां दुर्गा-महिषासुर की आपत्तिजनक पुस्तकें बांटी

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में महिषासुर दिवस मनाए जाने से पूर्व मां दुर्गा व महिषासुर की आपत्तिजनक अंश वाली किताब बांटे जाने को लेकर बवाल कटा।

हिन्दू जनजागृति समितीद्वारा तुअरदालके बोरेपर शिवलिंग मुद्रित करनेवाले शिवलिंग मार्केटिंगका निषेध !

गुजरात राज्यमें वासाडके ‘शिवलिंग मार्केटिंग आस्थापन’ द्वारा उनके उत्पाद तुअरदालके बोरेपर शिवलिंगका छायाचित्र छापकर हिन्दुओंके आस्थास्थानका अनादर किया गया है ।

जॉर्जियामें (अमेरिका) में हिन्दू मंदिर एवं शिवलिंगकी पवित्रता भंग !

जॉर्जिया प्रांतके मन्रोमें स्थित विश्‍वभवन नामक शिव मंदिरपर आक्रमण कर उसपर कुछ धर्मद्धेषियोंने अश्‍लाघ्य लेखन किया तथा मंदिरके बाहर स्थित कक्षसे कुछ पवित्र वस्तुएं एवं…

हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा ‘श्रीकृष्ण फायरवर्क्स इंडस्ट्रीज’ से पटाखोंसे देवी-देवताओंका होनेवाला अनादर रोकनेकी मांग

‘श्रीकृष्ण फायर इंडस्ट्रीज’की ओरसे www.krishnafireworks.com/contactus.html जालस्थलके माध्यमसे देवी-देवताओंके छायाचित्रवाले पटाखोंका विक्रय हो रहा है ।

पटाखोंसे होनेवाला प्रदूषण तथा उस माध्यमसे होनेवाले देवी-देवता एवं राष्ट्रपुरुषोंका अनादर रोकने हेतु शिवकाशीके पटाखे निर्माताओंसे सकारात्मक प्रतिसाद !

पटाखोंके माध्यमसे होनेवाला प्रदूषण तथा देवी-देवता एवं राष्ट्रपुरुषोंका अनादर रोकनेके संदर्भमें हिन्दू जनजागृति समिति पिछले ८ वर्षोंसे वैधानिक मार्गसे शिवकाशीके (तमिलनाडु) पटाखे निर्माता एवं उनके…

प्रसिद्ध बॉर्बी डॉल के निर्माताओं ने मां काली को बार्बी डॉल के रूप मे दिखाकर किया अपमान

बच्चों की प्रसिद्ध बॉर्बी डॉल के निर्माताओं ने काली की एक विवादित डॉल का निर्माण किया है। इस डॉल में काली की भंगिमा का ऐसा…

हिन्दू देवी देवता एवं राष्ट्रपुरुषोंके छायाचित्रवाले पटाखे नहीं होने चाहिए ! – जनपद प्रशासनद्वारा पटाखा विक्रताओंको सूचना

जनपद प्रशासनद्वारा सभी पटाखे विक्रेताओंको ‘हिन्दू देवी देवता एवं राष्ट्रपुरुषोंके छायाचित्रवाले पटाखे विक्रय हेतु न रखें, अन्यथा उचित कार्यवाही की जाएगी,’ ऐसी सूचना दी गई…

‘जी टॉकीज’पर लक्ष्मण, सीता तथा द्रौपदीका अनादर करनेवाला विज्ञापन बंद

जी टॉकीज मनोरंजन प्रणालपर जी कॉमेडी एवॉडर्स २०१४ इस कार्यक्रमके विज्ञापनमें हिन्दुओंके श्रद्धास्रोत लक्ष्मण, सीता तथा द्रौपदीका अनादर किया गया था ।