वर्तमान में मनुष्य केवल सुख प्राप्ति हेतु प्रयासरत है; परंतु भौतिकतावादी इस विश्व में सर्वोच्च आनंदप्राप्ति होना असंभव है ! इसके लिए साधना करनी पडती…
भगवान श्रीकृष्ण ने भक्तों का उत्पीडन करनेवाले नरकासुर का वध कर भक्तों की रक्षा की; परंतु वास्तव में दुष्प्रवृत्तिपर सत्प्रवृत्ति के विजय के रूप में…
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन मृग नक्षत्रपर सायंकाल भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ, इसलिए इस दिन भगवान दत्तात्रेय का जन्मोत्सव सर्व दत्तक्षेत्रों में मनाया जाता है…
भगवान दत्तात्रेय की उपासना केवल सांप्रदायिक उपासना नहीं, वह सभी के लिए उपयुक्त है । मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन मृग नक्षत्रपर सायंकाल भगवान दत्तात्रेय का…
दीपावली के शुभ पर्वपर विशेष रूपसे रंगोली बनानेकी प्रथा है । रंगोली के दो उद्देश्य हैं – सौंदर्य का साक्षात्कार एवं मंगल की सिद्धि ।…
‘तमसो मा ज्योतिर्गमय ।’ अर्थात अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइए यह उपनिषदों की आज्ञा है । अपने घरमें सदैव लक्ष्मी का वास…
हिंदु धर्मानुसार वर्षभर में अनेक त्यौहार, व्रत एवं पर्वोत्सव आते हैं । उस विशिष्ट दिन ईश्वरीय चैतन्य अधिक मात्रा में कार्यरत रहता है । उस…
दीपावली शब्द दीप एवं आवली की संधिसे बना है । आवली अर्थात पंक्ति । इस प्रकार दीपावली शब्दका अर्थ है, दीपोंकी पंक्ति । दीपावली के…