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गोवा में होनेवाले ‘दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ सफल होनेवाला ही है और इसके लिए मैं प्रार्थना भी कर रहा हूं – पू. संभाजीराव भिडेगुरुजी

असंख्य आघात, घाव सहन करनेवाली भारतमाता का मनोगत व्यक्त कर अखंड हिन्दू राष्ट्र का कार्य पूर्णत्व तक ले जाने के लिए सनातन संस्था कार्यरत है…

‘दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’के लिए बेलगांव में पत्रकार परिषद संपन्न !

१२ से १८ जून तक ‘श्री रामनाथ देवस्थान’, फोंडा, गोवा में आयोजित किए गए ‘दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’की जानकारी देने के लिए बेलगांव…

सभी हिन्दुओं के संगठित होने पर ईश्वरीय राज्य आएगा – पू. भागिरथी महाराज, संस्थापक अध्यक्ष, गुरुकृपा सेवाश्रम

‘‘हिन्दुओं के संगठन के अभाव में हिन्दुओं पर आघात हो रहे हैं । इससे जब सभी लोग ‘हिन्दू’के रूप में संगठित होंगे, तब ही ईश्वरीय…

अमरावती में प्रांतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन संपन्न !

‘ज्ञानयोगी साधक श्री. शिरीष देशमुख’ नामक ग्रंथ का प्रकाशन ! अमरावती – हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए हिन्दुओं पर होनेवाले आघात एवं हिन्दू राष्ट्र के…

यवतमाल में द्वितीय प्रांतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन !

हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए ब्राह्मतेज एवं क्षात्रतेज आवश्यक है । छत्रपति शिवाजी महाराजजी समान हिंदवी स्वराज्य स्थापित करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को भगवान…

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए योजनाबद्ध पद्धति से कार्य करना आवश्यक – ईश्वरप्रसाद खंडेलवाल, अध्यक्ष, लष्कर-ए-हिन्द

जोधपुर (राजस्थान) : हिन्दू जनजागृति समिति अनेक वर्षाें से सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को संगठित करने और समाज में साधना का महत्त्व विशद करने हेतु कार्यरत…

हिन्दूहित के कानून बनने के लिए हिन्दू राष्ट्र ही चाहिए – सतीश कल्याणकर, पूर्व सदस्य, सेन्सॉर बोर्ड

हिन्दुओं ने संगठितरूप से हिन्दू राष्ट्र की मांग की, तो हिन्दू राष्ट्र निश्चितरूप से आएगा, ऐसा प्रतिपादन सेन्सॉर बोर्ड के पूर्व सदस्य श्री. सतीश कल्याणकर…

हिन्दू जनजागृति समिति का उत्तर भारत का ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ देहली में हुआ संपन्न !

भारत में लोकतंत्र होते हुए भी देश के बहुसंख्यकों को उनके अधिकार नहीं मिलते, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त…

जलगांव में हिन्दू जनजागृति समिति का प्रांतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन हुआ संपन्न !

हिन्दू राष्ट्र के लिए ब्राह्मतेज और क्षात्रतेज इन दोनों की आवश्यकता है तथा इसका सर्वाेत्तम उदाहरण है छत्रपति शिवाजी महाराज ! समर्थ रामदासस्वामी द्वारा बताए…