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देश के बहुसंख्यक हिन्दुआें को संवैधानिक संरक्षण मिलने के लिए हिन्दू संगठनों का अधिवेशन ! – सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे

भारत में बहुसंख्यक समुदाय के शीर्षस्थ नेताआें को एकत्र आने में कानूनन प्रतिबंध है क्या ? इसका उत्तर ‘नहीं’ होते हुए भी प्रश्‍न क्यों निर्माण होते…

‘बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिन्दुआें की दुर्दशा एवं भारत शासन से अपेक्षा’ इस विषय पर पत्रकार परिषद

पूरे संसार के सूज्ञ नागरिक विशेषत: मोदी शासन इस ओर ध्यान दे, जिससे हाथ पर हाथ रखकर बैठी बांग्लादेश सरकार पर कोई परिणाम हो, ऐसा आवाहन…

#7thHinduAdhiveshan धर्मरक्षा यह सभी का मूलभूत कर्तव्य एवं अधिकार – अधिवक्ता हरि शंकर जैन, अध्यक्ष, हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस

हिन्दू जागृति के लिए कार्य करना और धर्मरक्षा करना, हिन्दुआें का कर्तव्य है । वह अधिकार भी है; परंतु लालसा के कारण कहें, राजनीति के…

संविधान को ‘धर्मनिरपेक्ष’ बनाना भ्रष्टाचार ही है – अधिवक्ता गोविंद के. भरतन्

भ्रष्टाचार का अर्थ केवल आर्थिक लेन-देन तक सीमित नहीं है, अपितु संविधान को धर्मनिरपेक्ष बनाना भी भ्रष्टाचार ही है । संविधान में घुसेडा गया है…

पूज्यपाद संतश्री आसारामजी बापू का ‘मीडिया ट्रायल’ कर उन्हें झूठा तथा दोषी सिद्ध किया गया ! – साध्वी रेखा बहनजी, पूज्यपाद संतश्री आसारामजी आश्रम

हमारे देश में संतों को प्राचीन काल से ही कलंकित किया जा रहा है; परंतु संतों की संस्कृति दृढ होने के कारण वह आगे बढ…

सप्तम् अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन को साक्षी मानकर उद्योगपति एवं आधुनिक वैद्य इनके संगठन हेतु नई संस्थाओं का शुभारंभ !

संकट में फंसे हिन्दुओं की सहायता करने के लिए ‘आरोग्य सहायता समिति’ इस संगठन की स्थापना और हिन्दुत्वनिष्ठों को धर्मकार्य में सहायता करने के लिए…

भ्रष्ट व्यवस्था दूर कर आदर्श राज्यव्यवस्था बनाना ही ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना है ! – रमेश शिंदे, हिन्दू जनजागृति समिति

व्यक्ति का भ्रष्टाचार सिद्ध होने पर, उस व्यक्ति और उसके परिवार की जानकारी पोस्टर के माध्यम से समाज में लगानी चाहिए; जिससे भ्रष्टाचार पर रोक…

‘लव जिहाद’ की घटना में सहभागी धर्मांधों को दंडित करने में सफलता ! – अधिवक्ता श्री. जगदीश हाके, महाराष्ट्र

नांदेड में लव जिहाद के चंगुल में फंसी हिन्दू युवती पर एक धर्माध उसका पिता एवं भाई ने अत्याचार किये ! घर लौटने पर उसने…

भारत ‘स्व’तंत्र बनने के लिए हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता ! – श्री. रमेश शिंदे

न्यायदेवता की मूर्ति के रूप में आंखों पर पट्टी बांधी हुई तथा एक हाथ में तराजू और दूसरे हाथ में तलवार ली हुई जिस मूर्ति…

न्यायालय से न्याय मिलता है या निर्णय ? – अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर, हिन्दू विधिज्ञ परिषद

आज न्याय नहीं, न्यायालय से केवल निर्णय मिलता है, यही अनुभव होता है, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू विधिज्ञ परिषद के सदस्य अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर ने किया…