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पूज्यपाद संतश्री आसारामजी बापू का ‘मीडिया ट्रायल’ कर उन्हें झूठा तथा दोषी सिद्ध किया गया ! – साध्वी रेखा बहनजी, पूज्यपाद संतश्री आसारामजी आश्रम

हमारे देश में संतों को प्राचीन काल से ही कलंकित किया जा रहा है; परंतु संतों की संस्कृति दृढ होने के कारण वह आगे बढ…

सप्तम् अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन को साक्षी मानकर उद्योगपति एवं आधुनिक वैद्य इनके संगठन हेतु नई संस्थाओं का शुभारंभ !

संकट में फंसे हिन्दुओं की सहायता करने के लिए ‘आरोग्य सहायता समिति’ इस संगठन की स्थापना और हिन्दुत्वनिष्ठों को धर्मकार्य में सहायता करने के लिए…

भ्रष्ट व्यवस्था दूर कर आदर्श राज्यव्यवस्था बनाना ही ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना है ! – रमेश शिंदे, हिन्दू जनजागृति समिति

व्यक्ति का भ्रष्टाचार सिद्ध होने पर, उस व्यक्ति और उसके परिवार की जानकारी पोस्टर के माध्यम से समाज में लगानी चाहिए; जिससे भ्रष्टाचार पर रोक…

‘लव जिहाद’ की घटना में सहभागी धर्मांधों को दंडित करने में सफलता ! – अधिवक्ता श्री. जगदीश हाके, महाराष्ट्र

नांदेड में लव जिहाद के चंगुल में फंसी हिन्दू युवती पर एक धर्माध उसका पिता एवं भाई ने अत्याचार किये ! घर लौटने पर उसने…

भारत ‘स्व’तंत्र बनने के लिए हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता ! – श्री. रमेश शिंदे

न्यायदेवता की मूर्ति के रूप में आंखों पर पट्टी बांधी हुई तथा एक हाथ में तराजू और दूसरे हाथ में तलवार ली हुई जिस मूर्ति…

न्यायालय से न्याय मिलता है या निर्णय ? – अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर, हिन्दू विधिज्ञ परिषद

आज न्याय नहीं, न्यायालय से केवल निर्णय मिलता है, यही अनुभव होता है, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू विधिज्ञ परिषद के सदस्य अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर ने किया…

सफल-असफलता का विचार न कर न्यायालयों में धर्मरक्षणार्थ याचिका प्रविष्ट करते रहना आवश्यक ! – अधिवक्ता श्री. विष्णु शंकर जैन

‘हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस’ के प्रवक्ता तथा सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री. विष्णु शंकर जैन ने हिन्दू धर्मरक्षणार्थ न्यायालयों में प्रविष्ट याचिकाओं की जानकारी दी।…

१४ से १८ आयुवर्ग की लडकियां अब लव जिहादियों का लक्ष्य – अॅड. भरत तोमर, भोपाल, मध्य प्रदेश

धर्मांध पहले २० से २२ वर्ष के आयुवर्ग की हिन्दू युवतियों को अपने जाल में फंसाते थे। उसके पश्‍चात उन्होंने १८ से २०, १६ से…

व्यवस्था को व्यवस्था के अनुसार ही चलने देने के लिए बाध्य करना, अधिवक्ताओं का कर्तव्य है ! – अधिवक्ता श्री. कमलेशचंद्र त्रिपाठी, वाराणसी

व्यक्तिगत हित की अपेक्षा सार्वजनिक हित अधिक महत्त्वपूर्ण है ! वाराणसी में कलम १४४ लागू होने के पश्चात भी कुछ धर्मांध संगठनों ने आंदोलन किए…

गोवंशहत्या, मुसलमानों का अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र ! – अधिवक्ता श्री. रणजीत नायर, अधिवक्ता परिषद, नांदेड

गोवंशहत्या कर भारतीयों को यांत्रिक पद्धति से खेती करने के लिए बाध्य कर, उन यंत्रों के लिए लगनेवाला इंधन अरब राष्ट्रों से मंगवाना पडता है।…