Menu Close

गोवामें तृतीय अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशनका समापन !

भारत और नेपाल इन हिन्दूबहुल राष्ट्रोंको हिन्दू राष्ट्र घोषित करनेके साथ ही सम्पूर्ण गोहत्याबन्दी, बांग्लादेशी घुसपैठ रोकना तथा विश्वभरके हिन्दुओंकी सुरक्षा करनेकी नीति निर्धारित करना,ऐसा…

हिन्दुआेंको समाप्त करनेकी बात करनेवालोंको पाठ पढाएंगे ! – विधायक श्री. राजासिंह ठाकूर,

नगरसेवक होनेके पश्‍चात भी मैंने किसी दलका झण्डा हाथमें नहीं लिया था, किन्तु गोहत्या, लव जिहादके विरोधमें तथा हिन्दू समाजके लिए, हिन्दू धर्मके लिए कार्यरत…

हिन्दू राष्ट्र स्थापनाके कार्यके लिए प.पू. दास महाराजद्वारा आशीर्वाद !

इस प्रसंगपर प.पू. दास महाराजने कहा, सन्तोंके मार्गदर्शनमें यह हिन्दू अधिवेशन सम्पन्न हो रहा है । इतिहासमें यह अधिवेशन सुवर्णाक्षरोंमें लिखा जाएगा । मैं हिन्दू…

हमारे बच्चोंमें हिन्दू धर्मके विरोधमें विष उगलनेका काम कर रहा है एन्सीईआर्टी पाठ्यक्रम – प्रा. नीरज अत्री

एन्सीईआर्टीके इतिहासके पाठ्यपुस्तकोंमें हमारे देश, सन्त, संस्कृति और धर्मको लक्ष्य बनाया गया है । इन पुस्तकोंके माध्यमसे असत्य जानकारी छापकर हमारे बच्चोंमें बचपनसे ही हिन्दू…

धर्मपरिवर्तन रोकनेके लिए सनातन-निर्मित ग्रंथ ‘धर्मपरिवर्तनके दांवपेचसे सावधान’का अध्ययन करें !

प्राचीन कालसे होनेवाला हिन्दुआेंका धर्मपरिवर्तन रोकनेके लिए अब आक्रामक पद्धतिका उपयोग करना आवश्यक है । सनातन-निर्मित ग्रंथ ‘धर्मपरिवर्तनके दांवपेचसे सावधान’का अध्ययन सबको करना चाहिए ।

तमिलनाडुके हिन्दू मक्कल मुन्नानीके संस्थापक श्री. राधाकृष्णन् गोपालकृष्णन्ने प्राप्त किया ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर !

पू. पिंगळेजीने उनके संदर्भमें कहा, श्री. राधाकृष्णन्में ईश्‍वरके प्रति विद्यमान भाव और लगन, ये गुण उनके सान्निध्यमें आए सभीको अनुभव करनेको मिलते हैं । हमें…

हिन्दू राष्ट्रकी निर्मिति कोई भी रोक नहीं पाएगा ! – अधिवक्ता हरिशंकर जैन

अयोध्याके राममन्दिरके लिए न्यायालयीन संघर्ष करनेवाले सर्वोच्च न्यायालयके अधिवक्ता श्री. हरिशंकर जैनने प्रतिपादित किया कि हिन्दू राष्ट्रकी संकल्पना अतिप्राचीन है ।

तिरुपतिके इस्लामिक विश्‍वविद्यालयका प्रश्‍न केवल आन्ध्रप्रदेशका ही नहीं; किन्तु सम्पूर्ण भारत का है !

भारतके पवित्र तीर्थस्थान तिरुपतिमें इस्लामिक विश्‍वविद्यालयका सात मालोंका भवन खडा हुआ । इसके विरोधमें हिन्दुत्वनिष्ठोंद्वारा किए गए वैधानिक आन्दोलनके कारण शासनको स्वीकार करना पडा कि…

सर्व धर्माभिमानी अधिवक्ताओने एकत्रित होकर भगवा बार असोसिएशनकी स्थापना करनी चाहिए ! – विष्णु शंकर जैन

देहलीके उच्च न्यायालयके अधिवक्ता विष्णु शंकर जैनने प्रतिपादित किया की, हिन्दू विधिज्ञ परिषदको ऐसी याचिकाएं प्रविष्ट करनी चाहिए, जिनका प्रभाव सम्पूर्ण देशपर होगा ।

उद्योगपति और व्यावसायी अपने व्यवसायके स्थानपर हिन्दू राष्ट्र स्थापनाके लिए अर्पणराशि इकट्ठा करें !

उद्योगपतियोंने निर्धार किया है कि उनके व्यवसायके स्थानपर हिन्दू राष्ट्र स्थापनाके लिए दान लिखी हुई एक दानपेटी रखकर हिन्दू राष्ट्रकी निर्मितिके लिए अर्पण इकट्ठा करेंगे…