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१ सितंबर २०१३ को महाराष्ट्र में हिंदू संगठनो का आंदोलन

इस माहके पहले रविवारको याने १ सितंबर २०१३ को हिंदू संगठनों ने पूरे महाराष्ट्र राज्य में हिंदू धर्मपर हो रहे आघातों के विरोध में आंदोलन…

विजयपुर (बिजापुर, कर्नाटक) के जिलास्तरीय हिंदू अधिवेशन द्वारा धर्माभिमानी संगठित !

१८ अगस्तको विजयपुर स्थित कालिकादेवी मंदिरके निकट हिंदू जनजागृति समितिकी ओरसे जिलास्तरीय हिंदू अधिवेशन अत्यंत सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ ।

शास्त्रको छोडकर हिंदू और धर्म ये दो शब्द रह ही नहीं सकते ! – डॉ. कौशिकचंद्र मलिक

शास्त्रको छोडकर हिंदू और धर्म ये दो शब्द रह ही नहीं सकते । हिंदू धर्म शास्त्रपर आधारित है । वेद अपौरूषेय हैं ।

शौर्यको प्रोत्साहन देनेवाले उपक्रम कीर्तनकारोंको करने चाहिए ! – ह.भ.प. चारुदत्त आफळे

कीर्तनकार एवं प्रवचनकारोंको केवल कीर्तन ही करके नहीं रुकना चाहिए, अपितु प्रसंगानुरूप शौर्यको प्रोत्साहन देनेवाले उपक्रम भी चलाने चाहिए ।

द्वितीय ‘अखिल भारतीय हिंदू अधिवेशन’की फलनिष्पत्ती

हिंदू राष्ट्रकी स्थापनाके लिए किए जानेवाले प्रयत्नोंके लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण चरणके रूपमें इस अधिवेशनका इतिहासमें उल्लेख होगा ! इस अधिवेशनका उद्देश्य १०० प्रतिशत सफल हुआ…

हिंदू समाजके लिए हमें समय देना ही होगा ! – श्री. राजासिंह ठाकुर

भाग्यनगर (हैदराबाद) स्थित भाग्यलक्ष्मी मंदिरकी रक्षा हेतु जारी संघर्ष इस विषयपर बोलते हुए श्री. राजासिंह ठाकुरने कहा, भाग्यनगरका श्री भाग्यलक्ष्मी मंदिर चारमिनारसे भी प्राचीन है…

हिंदू राष्ट्रकी स्थापना होने हेतु त्यागकी आवश्यकता ! – श्री. दासकमल अग्रवाल, आंध्रप्रदेश

भारत हिंदू राष्ट्र है ही, हमें उसका केवल पुनर्निमाण करना है । हमें संगठित विचारोंके माध्यमसे क्रांतिका बिगुल बजाना है ।ऐश्‍वर्यसंपन्न और शक्तिशाली हिंदू राष्ट्रके…

‘देशकी समस्याएं दूर होनेके लिए हिंदू राष्ट्र शीघ्रातिशीघ्र स्थापित होना आवश्यक !’

विभाजनके समय मुसलमान ३ करोड थे, इसलिए अल्पसंख्यक थे । अब वे ३० करोड हो गए हैं, तब भी अल्पसंख्यक ही हैं क्या ? अब…

धर्मसंस्थाको कोई भी अधिकार न होनेके कारण भारतकी अधोगति ! – प्रा. रामेश्‍वर मिश्र

प्रा. रामेश्‍वर मिश्रने कहा, यूरोपके देशोंमें वहांकी धार्मिक व्यवस्थाको विशेष अधिकार हैं, साथ ही वहांके नागरिक अपने देशकी कभी निंदा नहीं करते । भारतमें ऐसा…

भारत हिंदू राष्ट्र बने, इस हेतु राष्ट्रव्यापी हिंदूसंगठनका निर्धार !

अधिवेशनमें सहभागी हुए २१ राज्योंके हिंदुत्ववादी संगठनोंके २५० से भी अधिक पदाधिकारियोंने भारतको हिंदू राष्ट्र बनाने हेतु राष्ट्रव्यापी हिंदूसंगठनका समान कृति योजना निश्‍चित की ।