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हिंदुत्वकी विचारधारा नष्ट करनेके लिए उतावले प्रसारमाध्यम ! – बी.आर्. हरन

प्रसारमाध्यम, हिंदु संस्कृतिकी धार्मिक प्रथाओं, परंपराओं, मंदिरों पर धर्मनिरपेक्षताके नामपर बारंबार आक्रमण करते हैं ।हिंदुत्वकी विचारधारा भारतसे नष्ट करनेके लिए उतावले हो गए हैं ।

हिंदुओंको अपना चैनल आरंभ करना चाहिए ! – श्री. राजासिंह ठाकुर

आंधप्रदेशमें मुसलमान दंगे करते हैं उस समय उनके समर्थक चैनल मुसलमानोंको भडकाते हैं । इस प्रकारके आक्रमणोंका प्रतिकार करनेके लिए हिंदुओंको अपना चैनल बनाएं

‘हिंदु अधिवेशन’के उपलक्ष्यमें डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामीका संदेश !

‘अखिल भारतीय हिंदु अधिवेशन’के उपलक्ष्यमें जनता दलके अध्यक्ष डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामीका संदेश : हिंदु संगठनद्वारा ध्येयकी प्राप्ति कर सकते है !

‘गंगा नदी हिंदुओंकी माता है’, ऐसा दृढतापूर्वक बताएं !- अश्वनी कुमार च्रोंगू, पनून कश्मीर

‘गंगा नदी हिंदुओंकी माता है’, ऐसा दृढतापूर्वक बताएं !- अश्वनी कुमार चृंगू: गंगा नदीके अस्तित्वका प्रश्न ठहरा धर्माभिमानियोंका आत्मिक विषय !

हिंदुओंको शांति तथा सुरक्षा प्राप्त करवानेके लिए मूल्य चुकाना ही पडेगा! – श्री. तपन घोष

लडनेके लिए हिंदुओंको मानसिकरूपसे सिद्ध करनेकी आवश्यकता है । शांति तथा सुरक्षा प्राप्त करनेके लिए मूल्य चुकाना ही पडता है ।

हिंदू राष्ट्रकी स्थापनाके लिए श्रीराम एवं श्रीकृष्णका आदर्श लेना चाहिए – आचार्य योगेश शास्त्री

हिंदू राष्ट्रकी निर्मितिके लिए क्षात्रतेज समान ही ब्राह्मतेजकी भी आवश्यकता है । इसके लिए हिंदुओंको श्रीराम एवं श्रीकृष्णका आदर्श लेना चाहिए ।

माताओं-बहनों एवं श्रद्धास्थानोंकी रक्षा करना हिंदुओंका धर्मकर्तव्य है ! – राजासिंह ठाकुर

हिंदुओंकी मां-बहन, मठ, मंदिर, गोमाता, इन सभी श्रद्धास्थानोंकी रक्षा करना हिंदुओंका धर्मकर्तव्य ही है ।

‘डे’ अर्थात ‘डेथ’ संस्कृतिको तडीपार करें ! – प्रमोद मुतालिक

‘पब’के कारण नशीले पदार्थों एवं वेश्या व्यवसायमें वृद्धि होती है ।| इस देशको बचानेके लिए पश्चिमी संस्कृतिके ‘पब,‘वैलेंटाईन डे’ एवं ‘रोज डे’ समान ‘डेथ’ संस्कृतिको…

अधिवेशनके तिसरे दिन की गुटचर्चाओंका सारांश

हिंदू जब स्वयं धर्मशिक्षा ग्रहण करेंगे, तब ही धर्मपरिवर्तन रोकना संभव होगा । स्वयं धर्माचरण कर अन्योंसे भी करवाना चाहिए ।पश्चिमी पद्धतिके ‘३१ दिसंबर’,‘वैलेंटाईन डे’का…

हिंदू अधिवेशनके चतुर्थ दिवस की क्षणिकाएं !

हिंदू राष्ट्रकी स्थापनाके लिए इस प्रकारके प्रत्यक्ष कृत्य करनेवाले कृतिशील धर्माभिमानी ही हिंदू धर्मकी शक्ति हैं । आईए हिंदू विश्व बनानेका ध्येय सामने रखें |