‘अखिल भारतीय हिंदु अधिवेशन’के उपलक्ष्यमें जनता दलके अध्यक्ष डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामीका संदेश : हिंदु संगठनद्वारा ध्येयकी प्राप्ति कर सकते है !
‘गंगा नदी हिंदुओंकी माता है’, ऐसा दृढतापूर्वक बताएं !- अश्वनी कुमार चृंगू: गंगा नदीके अस्तित्वका प्रश्न ठहरा धर्माभिमानियोंका आत्मिक विषय !
लडनेके लिए हिंदुओंको मानसिकरूपसे सिद्ध करनेकी आवश्यकता है । शांति तथा सुरक्षा प्राप्त करनेके लिए मूल्य चुकाना ही पडता है ।
हिंदू राष्ट्रकी निर्मितिके लिए क्षात्रतेज समान ही ब्राह्मतेजकी भी आवश्यकता है । इसके लिए हिंदुओंको श्रीराम एवं श्रीकृष्णका आदर्श लेना चाहिए ।
हिंदुओंकी मां-बहन, मठ, मंदिर, गोमाता, इन सभी श्रद्धास्थानोंकी रक्षा करना हिंदुओंका धर्मकर्तव्य ही है ।
‘पब’के कारण नशीले पदार्थों एवं वेश्या व्यवसायमें वृद्धि होती है ।| इस देशको बचानेके लिए पश्चिमी संस्कृतिके ‘पब,‘वैलेंटाईन डे’ एवं ‘रोज डे’ समान ‘डेथ’ संस्कृतिको…
हिंदू जब स्वयं धर्मशिक्षा ग्रहण करेंगे, तब ही धर्मपरिवर्तन रोकना संभव होगा । स्वयं धर्माचरण कर अन्योंसे भी करवाना चाहिए ।पश्चिमी पद्धतिके ‘३१ दिसंबर’,‘वैलेंटाईन डे’का…
हिंदू राष्ट्रकी स्थापनाके लिए इस प्रकारके प्रत्यक्ष कृत्य करनेवाले कृतिशील धर्माभिमानी ही हिंदू धर्मकी शक्ति हैं । आईए हिंदू विश्व बनानेका ध्येय सामने रखें |
मुसलमान और ईसाइ दोनों धर्मियोंके लिए मस्जिद एवं चर्च केंद्रबिंदू हैं । हिंदुओंको मार्गदर्शन करनेके लिए ‘हिंदू भवन’की संकल्पना कृतिमें लाना आवश्यक है |
अखिल भारतीय हिंदू अधिवेशनकेअगले दिनके अंतिम सत्रमें ‘गोरक्षा’ विषयपर गुटचर्चाका आयोजन किया गया था । इस समस्यापर मात करना परिणामकारक हिंदूसंगठनद्वारा ही संभव होगा ।