हिंदू अधिवेशनके दूसरे दिन बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, मलेशिया, भारत आदि विविध देशोंमें हिंदुओंपर होनेवाले अत्याचारोंके विषयमें मान्यवरोंने प्रखरतासे अपने विचार प्रस्तुत किए ।
रामनाथी, गोवामें ६ जून से १० जूनकी कालावधिमें होनेवाले द्वितीय अखिल भारतीय हिंदू अधिवेशनके संदर्भमें मंगळुरूके `सहाय टीवी’ प्रणालपर प्रश्नोत्तरका कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया, जिसका…
हिंदू अधिवेशनमें उपस्थित पूरे देशके हिंदुत्वनिष्ठोंने प्रस्ताव पारित करते समय एकमतसे घोषित किया कि, जो राजनीतिक दल लोकसभा चुनावमें हिंदुविरोधी, राष्ट्रविरोधी, भ्रष्ट शक्तियोंको अवसर देगा,…
आज, हिंदू धर्म और हिंदुओंकी रक्षाका मुख्य दायित्व हिंदुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताओंपर ही है । अधिकांश समय धर्मरक्षाका कार्य करनेवालोंपर ही धर्मांधोंके आक्रमण होते हैं ।
समर्थ संगठनके महासचिव श्री. मनीष मंजुलजीने कहा, भोजशालाके संदर्भमें संपूर्ण आंदोलनमें हिंदू जनजागृति समिति तथा विशेषतः सनातन संस्थाका बहुत आधार मिला ।
पश्चिम बंगालमें हिंदुओंपर प्रतिदिन १०० से अधिक आक्रमण होते थे । वहांके हिंदुओंको प्रतिदिन अपनी महिलाओंपर अत्याचार होना, घरोंको जला देना, मंदिरोंको तोडना, मूर्तियां तोडना,…
हिंदुओंके मंदिर तो हैं; किंतु उनमें धर्म बतानेवाला कोई नहीं है । इसके विपरीत, अन्य पंथीयोंकी स्थिति है । हिंदू राष्ट्रकी स्थापनाके लिए हिंदुओंमे धर्मजागृति…
हिंदू राष्ट्रकी स्थापना अवश्य होगी, यह आत्मविश्वास होना चाहिए । जब तक यह आत्मविश्वास नहीं होगा, तब तक हिंदू राष्ट्रकी दिशामें हम मार्गक्रमण नहीं कर…
हिंदुओंको अपने अधिकार खोने पडेंगे तथा उनकी स्वतंत्रतापर संकट आनेवाला है; इसलिए ऐसी नीतियोंका तीव्र विरोध करनेके लिए हिंदुत्वनिष्ठ पत्रकारोंका संगठन अत्यंत आवश्यक है ।
वास्तवमें संस्कृत ही भारतकी एकमात्र भाषा है । यदि इस भाषाके माध्यमसे हम सब एक हो जाएं, तो सर्व समस्याओंका निराकरण हो जाएगा |