श्री. अनिल धीर ने कहा कि, पुरातत्व विभाग वर्ष १८८२ में अंग्रेजों ने आरंभ किया था । उसके नियमों में अबतक एक भी राज्यकर्ता ने…
‘मंदिरों के माध्यम से हिन्दू-संगठन’ इस विषय पर किए प्रयासों के अनुभवकथन करते हुए श्री. नासकर बोले कि, देशभर के किसी भी राज्य में हिन्दुआें…
अधिवक्ता श्री. हरि शंकर जैन ने कहा कि अयोध्या में राममंदिर का निर्माण, यह हिन्दू और राष्ट्र दोनों की अस्मिता का विषय है । अयोध्या…
१५ जून को अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में मंदिर सरकारीकरण का विरोध और मंदिरों की पवित्रता की रक्षा, इस विषय पर आयोजित उद्बोधन सत्र में…
‘लव जिहाद एवंं धर्मांतर को प्रतिबंध आवश्यक’ विषय पर उपरोक्त चर्चासत्र में कहा कि, भारत स्वतंत्र होने के पश्चात अंग्रेज देश छोड कर गए; परंतु…
अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में १५ जून को आयोजित ‘लव जिहाद एवंं धर्मांतर को प्रतिबंध आवश्यक’ विषय पर उपरोक्त चर्चासत्र में अधिवक्ता सुशील अत्रे ने कहा…
उत्तरप्रदेश की यति मां चेतनानंद सरस्वतीजी ने हिन्दू अधिवेशन के द्वितीय दिवस के सायं सत्र में कहा कि, वर्तमान में ‘लव जिहाद’ समस्या ‘जिहाद अगेन्स्ट…
हिन्दूविरोधी विचारधारा अभी ही सिद्ध हुई, ऐसा नहीं, अपितु चार्वाक की कालावधि से यह विचारधारा चल रही है । इस्लाम तथा ईसाईयों के (ख्रिस्तियन) माध्यम…
‘पनून कश्मीर’(अपना कश्मीर) की स्थापना ही ‘हिन्दू राष्ट्र’ का प्रारंभ होगा । पिछले पूरे वर्ष चलाए गए अभियान के कारण हिन्दुआें के जनमत का ध्वनि…
अधिवक्ता श्री. रवींद्र घोषजी ने बताया कि, बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए हिन्दू लडे । उसके बदले में उन्हें क्या मिला, यह प्रश्न उपस्थित हो…