साधना करते समय केवल क्षात्रतेज नहीं, अपितु उसके साथ ब्राह्मतेज भी आवश्यक होता है । किसी भी बात को पूर्णता तक पहुंचाने हेतु ईश्वर के…
नेक संतों और द्रष्टाओं ने इससे पूर्व ही ‘आनेवाला समय और भी अधिक कठिन होगा’, ऐसा बताया ही है । इस स्थिति का सामना करने…
बालोपसना के कारण मनुष्य सत्त्वगुणी और उसके उपरांत गुणातीत होता है; परंतु सत्त्वगुण की ओर जाने के लिए प्रतिदिन साधना कर साधक बनना पडेगा ।
जो ईश्वर का भक्त है, ईश्वर किसी भी स्थिति में उसकी रक्षा करते ही हैं । अतः आनेवाले भीषण आपातकाल से पार लगने हेतु ईश्वर…
देश के विभाजन के उपरांत पाकिस्तान और बांग्लादेश ने उनके देश के बहुसंख्यक नागरिकों के धर्म पर आधारित इस्लामी राजतंत्र का स्वीकार किया; परंतु भारत…
पद, प्रतिष्ठा और लालच की अनदेखी कर केवल धर्म के लिए निरपेक्षता के साथ कार्य करना आवश्यक – मनोज खाडये
विगत ७४ वर्ष के लोकतंत्र ने देश को निर्धनता, बडी मात्रा में भ्रष्टाचार, नक्षलवाद, अराजकता जैसे विषैले और कडवे फल दिए हैं । इसलिए जनता…
भगवान का यह वचन है कि ब्रह्मज्ञानी महापुरुषों में विश्व को दिशा दिखाने की क्षमता होती है । आद्य शंकराचार्यजी से लेकर परात्पर गुरु डॉ.…
स्वसुखों से परे भी हमारा जीवन है । अब हमें राष्ट्र एवं धर्म के कार्य में केवल गिलहरी का योगदान देने का नहीं, अपितु बडा…
आज के समय में व्यष्टि साधना के साथ समष्टि साधना करना भी अत्यावश्यक है । जो साधना करता है, ईश्वर किसी भी स्थिति में उसकी…
पीसी जॉर्ज ने पूछा कि क्या भारत को किसी समुदाय विशेष के पास जाने दिया जा सकता है? उन्होंने कहा कि इस विषय पर विचार-विमर्श…