प्राचीन काल में हिन्दू राजाओं की राजसभाओं में राजगुरु होते थे। वे धर्मशास्त्र, न्यायशास्त्र, अर्थशास्त्र, युद्धशास्त्र आदि सभी शास्त्रों में प्रवीण होते थे।
समाज में अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन हिन्दुत्व का कार्य कर रहे हैं; परंतु सर्वदलीय सरकारें निरपेक्षता से धर्मकार्य करनेवाले ऐसे संगठनों के कार्यकर्ताओं को पर्याप्त सुरक्षा…
भारत में हिन्दू बहुसंख्यक होते हुए भी भारत हिन्दू राष्ट्र क्यों नहीं हो सकता ? पुरे विश्व का विचार करने पर ध्यान में आता है…
केवल ‘सनातन धर्म से बंधा हुआ हिन्दुत्व’ ही देश को संगठित रख कर उसे वैभव के शिखर तक पहुंचा सकता है ! एक राम मंदिर…
हमें, ‘धर्मनिरपेक्षता एवं लोकतंत्र’ का पाठ पढ़ानेवाले इन देशों में आज भी ‘हाऊस ऑफ लॉर्ड्स’ एवं ‘हाऊस ऑफ कॉमन्स’ है और ईसाई धर्म उनके देश का…
हिन्दुआें को यह समझ लेना चाहिए कि संविधान में ‘धर्मनिरपेक्षता’ यह शब्द घुसेड़ कर हिन्दुआें के धार्मिक अस्तित्व को ही मिटाने का यह षड्यंत्र था ! हिन्दू…
ब्राह्मण वर्ण चारों वर्णों का प्रतिनिधित्व करता है। सभी वर्णों की क्षमता उसमें रहती है। जो व्यक्ति चारों वर्णों को समाविष्ट करते हुए उससे एकरूप होकर विराट…
आज शिक्षा, वैद्यकीय क्षेत्र एवं न्यायालयीन व्यवस्था आदि क्षेत्रों में भारी मात्रा में भ्रष्टाचार हो रहा है ! सूचना अधिकार का उपयोग कर भ्रष्टाचार के प्रकरणों…
प्रभु श्रीराम जैसे सुसंस्कृत एवं आदर्श राज्यकर्ता हो, तो उसके सामने ‘भूख हडताल करना’ उचित है; परंतु राज्यकर्ता सुसंस्कृत एवं आदर्श न हों, तो भूख हडताल…
जबलपुर में हिन्दू धर्म सेना द्वारा आयोजित धर्मसभा में भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग हेतू १५०० हिन्दू ने संगठित