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भावी हिन्दू राष्ट्र में कभी भी किसी के साथ अन्याय नहीं होगा – पू. श्री. संदीप आळशी

प्राचीन काल में हिन्दू राजाओं की राजसभाओं में राजगुरु होते थे। वे धर्मशास्त्र, न्यायशास्त्र, अर्थशास्त्र, युद्धशास्त्र आदि सभी शास्त्रों में प्रवीण होते थे।

सर्वदलीय शासनकर्ताओंद्वारा हिन्दुत्वनिष्ठों को सुरक्षा प्रदान न किए जाने के कारण उनकी हत्याएं हो रही हैं ! – अधिवक्ता श्री. दत्तात्रेय नायक, कर्नाटक

समाज में अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन हिन्दुत्व का कार्य कर रहे हैं; परंतु सर्वदलीय सरकारें निरपेक्षता से धर्मकार्य करनेवाले ऐसे संगठनों के कार्यकर्ताओं को पर्याप्त सुरक्षा…

समाज, राष्ट्र एवं धर्म पर होनेवाले आघातों पर एकमात्र उपाय है ‘हिन्दू राष्ट्र स्थापना’ ! – श्री. सुरेश लाड, हिन्दू जनजागृति समिति

भारत में हिन्दू बहुसंख्यक होते हुए भी भारत हिन्दू राष्ट्र क्यों नहीं हो सकता ? पुरे विश्व का विचार करने पर ध्यान में आता है…

‘राजनीतिक हिन्दुत्व’ नहीं, अपितु ‘सनातन धर्म से बंधा हुआ हिन्दुत्व’ ही देश को संगठित रख सकता है ! – श्री. चेतन राजहंस, सनातन संस्था

केवल ‘सनातन धर्म से बंधा हुआ हिन्दुत्व’ ही देश को संगठित रख कर उसे वैभव के शिखर तक पहुंचा सकता है ! एक राम मंदिर…

नेपाल एवं भारत पर थोपा गया वर्तमान का लोकतंत्र एक प्रकार की ‘सह-तानाशाही’ (Co-dictatorship) है ! – सदगुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी

हमें, ‘धर्मनिरपेक्षता एवं लोकतंत्र’ का पाठ पढ़ानेवाले इन देशों में आज भी ‘हाऊस ऑफ लॉर्ड्स’ एवं ‘हाऊस ऑफ कॉमन्स’ है और ईसाई धर्म उनके देश का…

‘धर्मनिरपेक्षता’ हिन्दुआें के धार्मिक अस्तित्व को ही मिटाने का षड्यंत्र ! – श्री. मनोज खाडये, हिन्दू जनजागृति समिति

हिन्दुआें को यह समझ लेना चाहिए कि संविधान में ‘धर्मनिरपेक्षता’ यह शब्द घुसेड़ कर हिन्दुआें के धार्मिक अस्तित्व को ही मिटाने का यह षड्यंत्र था ! हिन्दू…

राष्ट्र के उत्कर्ष का समष्टि दायित्व ब्राह्मणों का है ! – सदगुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी

ब्राह्मण वर्ण चारों वर्णों का प्रतिनिधित्व करता है। सभी वर्णों की क्षमता उसमें रहती है। जो व्यक्ति चारों वर्णों को समाविष्ट करते हुए उससे एकरूप होकर विराट…

विविध क्षेत्रों में पनप रहीं दुष्प्रवृत्तियों को उखाड फेंकने हेतु संगठित रुप से प्रयास करना यही ‘हिन्दू राष्ट्र’ की नीव ! – श्री. बलवंत पाठक, हिन्दू जनजागृति समिति

आज शिक्षा, वैद्यकीय क्षेत्र एवं न्यायालयीन व्यवस्था आदि क्षेत्रों में भारी मात्रा में भ्रष्टाचार हो रहा है ! सूचना अधिकार का उपयोग कर भ्रष्टाचार के प्रकरणों…

‘भूख हडताल’ नहीं, अपितु हिन्दू राष्ट्र स्थापना ही राष्ट्र एवं धर्म की समस्याआें का वास्तविक समाधान है ! – पू. संदीप आळशी

प्रभु श्रीराम जैसे सुसंस्कृत एवं आदर्श राज्यकर्ता हो, तो उसके सामने ‘भूख हडताल करना’ उचित है; परंतु राज्यकर्ता सुसंस्कृत एवं आदर्श न हों, तो भूख हडताल…

हिन्दू संस्कृति रक्षा हेतु भारत का हिन्दू राष्ट्र बनाना अत्यंत आवश्यक है ! – पूज्य साध्वी सरस्वतीजी

जबलपुर में हिन्दू धर्म सेना द्वारा आयोजित धर्मसभा में भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग हेतू १५०० हिन्दू ने संगठित