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मंदिर संस्कृति की रक्षा एवं संवर्धन हेतु अमरावती में महाराष्ट्र मंदिर-न्यास अधिवेशन !

महाराष्ट्र मंदिर महासंघ, श्री देवस्थान सेवा समिति विदर्भ, श्री पिंगळादेवी संस्थान, श्री नागेश्वर महादेव संस्थान, श्री व्यंकटेश बालाजी मंदिर ट्रस्ट एवं हिन्दू जनजागृति समिति के…

संत बाळूमामा देवस्थान में संभावित मंदिर सरकारीकरण का कडा हिन्दुओं द्वारा तीव्र विरोध !

लाखों भक्तों के श्रद्धास्थल, कोल्हापुर जिले के आदमापुर में संत बाळूमामा देवस्थान के न्यासी बोर्ड को भ्रष्टाचार का कारण देते हुए भंग कर दिया गया…

श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर की घोटालेबाज शासकीय समिति बरखास्त करें; अन्यथा रास्ते पर उतरेंगे ! – वारकरी एवं हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों का चेतावणी

देश के अनेक बडे मंदिर फायदे में होते हुए भी मंदिर समिति की आर्थिक अनुशासनहीनता के कारण मंदिर को वर्ष 2021-22, इस आर्थिक वर्ष में…

मंदिर एवं मंदिरों की पवित्रता की रक्षा के लिए महाराष्ट्र मंदिर महासंघ आयोजित बोपगांव (पुणे) में मंदिर विश्वस्तों की बैठक !

मंदिर एवं मंदिरों की पवित्रता के रक्षणार्थ श्री क्षेत्र कानिफनाथ गड, बोपगांव में ३१ दिसंबर को मंदिर विश्वस्तों की बैठक का आयोजन किया गया था…

पंढरपुर (जिला सोलापुर) में संत नामदेव महाराज सिडी के पास ‘मंदिर सामूहिक आरती’ शुरूवात

शिरडी में ‘महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद’ के सैकड़ों मंदिर ट्रस्टियों ने हाल ही में मंदिरों पर और मंदिर के भूमी पर हुआ अतिक्रमण को तत्काल…

म्हार्दोल (गोवा) में गोमंतक मंदिर-धार्मिक संस्था परिषद संपन्न

मंदिर पर्यटन के नाम से केवल पर्यटन नहीं, अपितु मंदिरों की पवित्रता टिकाए रखनेवाले धार्मिक एवं आध्यात्मिक पर्यटन को आगे बढाया जाना चाहिए, ऐसा प्रतिपादन…

द्वितीय ‘महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद’का सफलतापूर्वक समापन, महाराष्ट्र के 16 जिलों मे होगा ‘जिलास्तरीय मंदिर विश्वस्त अधिवेशन’

श्री क्षेत्र ओझर में 2 एवं 3 दिसंबर को आयोजित की गई द्वितीय ‘महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद’के समापन पर ‘राज्यस्तरीय मंदिर महासंघ’की घोषणा की गई…

काशी-मथुरा स्वतंत्र हो’ छत्रपति शिवाजी महाराज की इस इच्छा को पूरा करने के प्रयास – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सर्वोच्च न्यायालय

मूर्ति तोडने से देवता का अस्तित्व नष्ट नहीं होता । देवता सूक्ष्म रूप में एक ही स्थान पर निवास करते हैं । इसलिए, ‘एक बार…

550 से भी अधिक मंदिर प्रतिनिधियों की उपस्थिति में ओझर (पुणे) में द्वितीय परिषद उत्साह में प्रारंभ

हिन्दू धर्म और मंदिरों की रक्षा के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज ने भी औरंगजेब से जोरदार जंग की । इसलिए धर्म की रक्षा के लिए…